‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। वन विभाग में कार्यरत 902 वनोपज समिति प्रबंधकों ने अपने नियमितिकरण की मांग को लेकर 5 अप्रैल से अनिश्चितकालिन आंदोलन की घोषणा की है।
संघ के प्रांताध्यक्ष रामाधार लहरे ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा फरवरी 2023 में प्रबंधकों के सम्बंध में विभाग द्वारा विस्तृत प्रस्ताव छत्तीसगढ़ शासन को भेजा था, जो कि जुलाई 2023 में वित्त विभाग से स्वीकृत हो चुका है जिसमे विभागीय अधिकारियों द्वारा फेरबदल कर संविदा वेतन मेट्रिक्स 7, 8, एवं 9 के स्थान पर संविदा वेतन मेट्रिक्स 5, 6, एवं 7 का आदेश किया गया। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ एक त्रिस्तरीय सहकारी समितिया है, जिसमे पहला छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित रायपुर जो कि प्रदेश में एक है, दूसरा जिला लघु वनोपज संघ जो कि प्रदेश में 31 हैं तथा प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति जो कि प्रदेश में 902 है जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ एवं जिला लघु वनोपज संघों में कार्यरत सभी अधिकारी कर्मचारी नियमित है केवल प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों में कार्यरत 902 प्रबंधक 36 वर्षों से नियमितिकरण की आस में शासन एवं संघ की अडिय़ल रवैया से गभीर आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे है।
प्रबंधक सेवा नियम शासन के आदेशानुसार मई 2016 से प्रभावशील है. जिसके तहत प्रबंधकों की नियुक्ति, प्रबंधकों के कर्तव्य एवं दायित्व, प्रबंधकों के सेवा पुस्तिका का संधारण, गोपनीय चरित्रावली का अकन प्रबंधकों का सेवा निवृत्ति एवं प्रबंधकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शास्तिया प्रबंधक सेवा नियम में निहित प्रावधानों के अनुसार किये जा रहे है किन्तु इसी सेवा नियम के कडिका 07 नियुक्ति हेतू प्रक्रिया के बिन्दु क्रमाक (द्ब1) में उल्लेख है कि चयनित अभ्यर्थी एक वर्ष की अवधि तक परिविक्षा पर कार्यरत रहेगा तत्पश्चात उसे नियमित किया जायेगा जो कि आज तक लागू नहीं किया गया। 34-35 वर्षों से कार्यरत प्रबंधकों की याचिका पर उच्च न्यायालय ने फरवरी 2020 में नियमितिकरण करने तीन माह का समय निर्धारित किया गया था। इसके लिए जो मुख्य सचिव अध्यक्षता में पाँच अधिकारियों की कमेटी बनायी जा चुकी है। लेकिन निर्णय आज तक लंबित है।
इस हड़ताल से बस्तर संभाग में दस अप्रैल से प्रारंभ होने वाले तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य पर सीधा असर देखने को मिलेगा