रायपुर

बैंक, बीमा, डाकघर समेत कई केन्द्रीय कार्यालय रहेंगे बंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 जुलाई। देशभर के श्रमिक संगठनों, ट्रेड यूनियन समुह के कामकारों ने सरकार द्वारा लगाए गए लेबर कोड कानून सार्वजनिक उपक्रमों में निजीकरण के खिलाफ अपनी 17 मांगों को लेकर 9 जुलाई को राष्ट्र व्यापी हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन करेंगी।
महासचिव सीजेडआईएईए धर्मराज महापात्र, इंटक अध्यक्ष संजय सिंह,एचएस मिश्रा, एमके नंदी,हरिनाथ सिंह शिरिष नलगुंडवर व्ही एस बघेल ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि सरकार स्थाई रोजगार की जगह, निधित अवधि, प्रशिक्षु, आउटसोर्स, और हर काम का ठेकाकरण नया फरमान ले आई है। स्थाई नौकरी ना होने पर मजदूर अपने अधिकार के लिए लामबंद नहीं हो सकेंगे और ग्रेच्युटी व अन्य लाभों से वंचित किया जा रहा है। बिना नोटिस के मजदूरों को नौकरी से निकाला जा सकता है। कारखाने में 40 से कम मजदूर होने पर न्यूनतम वेतन, ई.पी.एफ, व अन्य श्रम कानून लागू नही होंगे। महिलाओं को कारखानों में रात की पाली में भी काम में लगना उचित नहीं है। जो पहले नहीं था। कारखानों में मजदूरों के लिए काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिए गए।
संगठन की मांगे हैं कि श्रमिक विरोधी श्रम संहिता वापस लो। सभी श्रमिकों को 26000/-न्यूनतम मजदूरी दो। हर पांच साल में न्यूनतम मूल्य सूचकांक के साथ संशोधन सुनिश्चित करो। सार्वजानिक क्षेत्र का निजीकरण, विनिवेशीकरण रद्द करो ठेकाकरण, संविदाकरण, आउट्सोर्सिंग बंद करो। रिक्त पदों पर भर्ती प्रारम्भ करो, बेरोजगारों को बेरोजगारी का भत्ता दो ।
भारतीय श्रम सम्मलेन जल्द आयोजित करो।
सभी के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करो, ई पी एस के तहत 9000 रूपये न्यूनतम तथा जो किसी योजना में नहीं है उन्हें 6000 रूपये मासिक पेंशन दो । रेल, सडक़ परिवहन, कोयला, इस्पात, बंदरगाह, रक्षा, बैंक, बीमा, बिजली, पेट्रोलियम, डाक दूरसंचार के निजीकरण पर रोक लगाओ, एन एम् पी योजना वापस लो, बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफ डी आई बढ़ाने और समय बीमा कानून में संशोधन का प्रस्ताव वापस लो ।