‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 10 फरवरी। रणनीतिक मामलों में अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम से लगातार शिकस्त झेल रही कांग्रेस प्रचार के अंतिम लम्हों में भी मात खा गई। सार्वजनिक प्रचार के लिए निर्धारित समय सीमा का उल्लंघन करने पर निर्वाचन अधिकारियों ने कांग्रेसी मंच की बत्ती गुल कर भाषण दे रहे पूर्व विधायक की बोलती बंद करा दी। आपदा को अवसर में बदलने की कला जानने वाले नेताओं ने सामने बैठी भीड़ को गुमराह करने का कसूर भी सत्ता पक्ष पर मढऩे का प्रयास किया।
वन मैन शो की तर्ज पर चल रहा कांग्रेस का चुनावी अभियान को एक और झटका उस वक्त लगा, जब निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की अंतिम आम सभा को बीच में ही रुकवा दिया।
अध्ययन चिंतन और नियम प्रकिया से दूर हो चुके कांग्रेसियों ने रविवार शाम साढ़े चार बजे चंडी मंदिर के सामने अपनी चुनाव सभा की शुरुआत की। पहले माइक पर आए प्रखर वक्ता प्रभातराव मेघा वाले ने नपं अध्यक्ष द्वारा कुछ लोगों को कराए गए तिर्थाटन के लिए उन्हें कुरुद के श्रवण कुमार का संज्ञा दिया।
उन्होंने विरोधी पक्ष द्वारा नगर में नशे के कारोबार को बढ़ावा देने के आरोप को यह कहते हुए खारिज किया कि नगर पंचायत का काम नगरवासियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का होता है। कानून व्यवस्था पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि नगर प्रमुख पर आरोप लगाकर क्षेत्र प्रधान बरी नहीं हो सकते।
अगले वक्ता के तौर पर 5 बजे के बाद बोलने खड़े हुए पूर्व विधायक लेखराम साहू ने अपने ठेठ अंदाज में कहना शुरू ही किया था, तभी प्रशासनिक अधिकारी पहुँच गए और नियमों का हवाला देकर मंच की बत्ती गुल करा कांग्रेस नेता की बोलती बंद करा दी। जिससे मंच पर अफरा-तफरी मच गई। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तपन चन्द्राकर तक भाषण नहीं दे पाए। जिससे लोगों में जबरदस्त आक्रोश दिखा।
निर्वाचन अधिकारी दुर्गेश सिंह, थाना प्रभारी अरुण साहू के साथ पुलिस बल की मौजूदगी का असर यह हुआ कि भीड़ व्यवस्था को कोसते हुए सभा स्थल से घर लौट गई। जिससे बन संवर कर आये नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया।
इस मौके पर शारदा साहू राजकुमारी दीवान, आशीष शर्मा, रजत चन्द्राकर, रमेशर साहू, मनोज अग्रवाल, हितेन्द्र केला, पप्पू राजपूत आदि मौजूद थे।