‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 7 जनवरी। विगत दिनों शासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र जिला-रायगढ़ में बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि हुई है। बर्ड फ्लू रोग के जिले में प्रवेश रोकने संबंधी तैयारी एवं सतर्कता संबंधी भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के पालन हेतु जिला स्तर पर कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है।जिले के अधिकारियो द्वारा विभिन्न लेयर एवं ब्रायलर पोल्ट्री फार्म का सतत् निरीक्षण किया जा रहा है। आमजन से अपील किया गया है कि जिले में किसी भी प्रकार के पक्षियों के असामान्य मृत्यु या बीमारी की सूचना प्राप्त होने की स्थिति में बर्ड फ्लू रोग की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल निकटतम पशु चिकित्सा संस्थान में जानकारी दें।
रैपिड रिस्पांस टीम में जिला स्तरीय नोडल अधिकारी डॉ. रूपेश बघेल, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, राजेश वर्मा, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी जिला स्तरीय सहायक नोडल एवं विकासखंड स्तरीय नोडल अधिकारी डॉ. एस.एन. अग्रवाल, अतिरिक्त उपसंचालक विकासखंड-भाटापारा, डॉ. एल.एन. जायसवाल, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी विकासखंड-बलौदाबाजार, डॉ. लोकेश वर्मा वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी विकासखंड-कसडोल, डॉ. पवन कुर्रे, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, विकासखंड-सिमगा, डॉ. निर्मल चेलक पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ विकासखंड-पलारी नियुक्त किये गये है। जिला- बलौदाबाजार में 01 लेयर फार्म लगभग 425000 पक्षी एवं 94 ब्रायलर फार्म में लगभग 335850 पक्षी है।
बताया गया कि बर्ड फ्लू, इंन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाला संक्रमण है, इसे एवियन फ्लू भी कहते है।
इससे सिर्फ पक्षी ही नहीं बल्कि मनुष्य एवं अन्य जानवर भी संक्रमित हो जाते है। एवियन फ़्लू को पक्षियों के लिए एक घातक वायरस कहा जाता है और यह आसानी से मनुष्यों और जानवरों को प्रभावित कर सकता है। बर्ड फ्लू रोग पक्षियों का संक्रामक एवं घातक रोग है जिससे बैकयार्ड पोल्ट्री पालक एवं पोल्ट्री व्यवसायों को अत्यधिक हानि होता है। बर्ड फ्लू के लक्षण अचानक दिख सकते है और तेजी से फैलते है। बर्ड फ्लू के प्रमुख लक्षण:- मुर्गियों को सास लेने में दिक्कत, मुर्गियों को अत्यधिक दस्त, मुर्गियों के सिर, गर्दन और आंखों के आसपास सूजन आ जाना, मुर्गियों के सिर और पैर का रंग बैगनी होना, अंडे का उत्पादन कम होना, सुस्ती आना और मुर्गियों में तेजी से मृत्यु होना।