बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के सहयोग से विशेष मध्यस्थता अभियान भारत के सभी तालुका, न्यायालयों, जिला न्यायालयों एवं उच्ब न्यायालय में लबित मामलों का निराकरण करने हेतु 90 दिवस का मध्यस्थता अभियान 01 जुलाई से 07 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है। अब्दुल जाहिद कुरैशी, प्रधान एवं जिल्ला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार, एवं अमिता जायसवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार के द्वारा अभियान की सफलता के लिये जिला न्यायालय बलौदाबाजार स्थित अधिवक्ता कक्ष में अधिवक्ता संघ के लिये जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें यह बताया गया कि मध्यस्थता एक सहमति से किया गया विवाद समाधान प्रक्रिया है, जो पक्षों द्वारा अपने मामले को समाधान के लिए मध्यस्थ न्यायधिकरण में रिफर किये जाने हेतु न्यायालय में आवेदन पेश किया जाता है। मध्यस्थता रवैक्षिक होती है जिसमें आपसी सहमति से मामले का निपटारा होता है। मध्यस्थता हेतु आवेदन जिस न्यायालय में मामला लंबित हो, वहां प्रस्तुत कर सकते हैं।
मध्यस्थता के माध्यम से दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद सर्विस मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, विभाजन मामले, बेदखली मामले, भूमि अधिग्रहण, अन्य सिविल मामले का निपटारा कराया जा सकता है।
मध्यस्थता के लाभ- पक्षकारों को यह भय नहीं होता कि किसी प्रकार का अप्रत्याशित निर्णय प्राप्त होगा, समझौता दोनों पक्षों की सहमति से होता है जिससे आपसी मतभेद समाप्त होता है और प्रेम व्यवहार बना रहता है। जो पक्षकार ऑनलाईन चाहते हैं या किसी कारण से मध्यस्थता केन्द्र तक आने में असमर्थ है, उन्हें वीडियो कान्फ्रें सिंग अथवा वीडियो कॉल के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार के द्वारा अधिवक्ता संघ से अपील है कि यदि उनके मध्यस्थता योग्य मामले न्यायालय में लंबित है तो मध्यस्थता के माध्यम से निराकरण अवश्य करायें क्योंकि इससे उनके समय और धन की बचत होगी।
जागरूकता कार्यशाला में अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी अध्यक्ष अधिवक्ता संघ शारिक खान, उपाध्यक्ष नदिनी वर्मा, व रमेश पटेल, सचिव गणेश शंकर साहू, सहसचिव सूर्यप्रकाश मुरैना, कोषाध्यक्ष रामसहाय जान, सास्कृतिक सचिव मिथलेश ओझा, पुस्तकालय प्रभारी राजेन्द्र पटेल, सदस्य ओंकार जायसवाल, पालेश्वर साहू, सुमरीत ध्रुष एवं वरिष्ट अधिवक्ता वी पी सिंह ठाकुर, सुरेश बन्द द्विवेदी, दिनेश यदु, गुलाब राम साहू, डीआर साहू, अजेश त्रिवेदी, दीपा सोनी, अनिल त्रिवेदी, दिनेश तिवारी, संजय तिवारी, के. एन. साहू, पवन पाण्डेय, गिरीराज अग्रवाल, सतीशचन्द्र , सीमारानी करीम, अनादिशंकर मिश्रा, अच्छेराम साहू, अविनाश फॅकलिन, आर के दुवे, प्रेमशुक्ला उपस्थित रहे।