बलौदा बाजार

सर्व शिक्षा संघ और शिक्षक कल्याण संघ कलेक्टर से आज करेंगे चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 जुलाई। बलौदाबाजार जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर विवाद गहराता जा रहा हैं। सर्व शिक्षा संघ और प्रदेश शिक्षा सेवी कल्याण संघ ने जिला प्रशासन पर मनमानी और नियमों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाते हुए मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपने की बात कही है। इस दौरान संघ के पदाधिकारी दस्तावेजों के साथ अनियमितताओं का खुलासा करेंगे।
संघ का आरोप है कि कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जिला स्तरीय समिति युक्तियुक्तकरण के मामलों का समय सीमा में निराकरण नहीं कर रही है। 24 जून को हुई सुनवाई के 20 दिन बाद भी कोई मामला हल नहीं हुआ है जो न्यायिक आदेशों की हवेलना हैं। रामखेलावन वर्मा, जो ट्राइबल हायर सेकेंडरी स्कूल के व्याख्याता हैं, का स्थानांतरण बस्तर से बलौदाबाजार किया गया था। जिले में कोई ट्राइबल हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं है, इसके बावजूद उन्हें समग्र शिक्षा में पदस्थ कर दिया गया। जिला शिक्षा अधिकारी को ऐसा करने का अधिकार नहीं है फिर भी उन्हें युक्तियुक्तकरण में शामिल नहीं किया गया। बलौदाबाजार विकासखंड के संतोष कुमार वर्मा जो की 45 फीसदी दिव्यांग है को कोलिहा से हटाकर 95 किलोमीटर दूर खैदा थरगांव भेजा गया है जबकि वहां परिवहन की सुविधा तक नहीं हैं।
6 विद्यार्थियों पर केवल एक ही शिक्षक होना था
ज्ञान ज्योति मुगलभ_ा में केवल 6 छात्र हैं लेकिन तीन शिक्षक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण नियमों के अनुसार एक शिक्षक अतिशेष होना चाहिए था जो नहीं किया गया।
अटैचमेंट खत्म फिर भी
किया गया संलग्न
योगेश वर्मा को युक्तियुक्तकरण के तहत खपरी गेड में पदस्थ किया गया लेकिन जॉइनिंग के आधे घंटे बाद अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कार्यालय में अटैच कर दिया गया। जबकि राज्य कैबिनेट ने 5 जून को सभी अटैचमेंट समाप्त करने का निर्देश दिया हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे ने कहा कि समिति के पास लंबित प्रकरणों का निराकरण मंगलवार को कलेक्ट्रेट द्वारा कर लिया जाएगा। दूसरी शिकायतें भी रखेंगे।
छात्र संघ के हिसाब से नहीं हो रहा युक्तियुक्तकरण
शाप्राशा सुरबाय संकुल केंद्र पुटपुरा में कुल दर्ज संख्या 17 है, तीन शिक्षक कार्यरत हैं, पर किसी को अतिशेष नहीं माना गया। वहीं सीतापार सिमगा में दर्ज संख्या 89 होने के बावजूद पांच शिक्षक पदस्थ हैं और किसी को भी अतिशेष नहीं माना गया। यह स्पष्ट रूप से युक्तियुक्तकरण के नियमों का उल्लंघन हैं। 90 बच्चों के लिए तीन शिक्षक पदस्थ करने का सेटअप बना हुआ हैं। युक्तियुक्तकरण में दो शिक्षकों को कहीं और भेजना था।
त्रुटि के कारण एक पद पर दो नियुक्तियां, दोनों कार्यरत
कमलेश गुप्ता को सहायक संचालक पद पर पदस्थ किया गया जबकि इस पद पर राकेश शर्मा पहले से सदस्य थे। दोनों की कार्यमुक्ति व जॉइनिंग प्रक्रिया में त्रुटि हुई फिर भी किसी को अधिशेष घोषित नहीं किया गया। शिक्षक संघ ने इसे भी गलत बताया हैं।
वरिष्ठता को नजरअंदाज कर युक्तियुक्तकरणयोग माया साहू जो जून 2006 में पदोन्नति हुई थी, को रामसागर कौसले सितंबर 2006 से वरिष्ठ होने के बावजूद अधिशेष मान लिया गया।
विषय के छात्र नहीं फिर भी दो-दो व्याख्याता
कन्या शाला बलौदाबाजार से ताराचंद बंजारे को बया कसडोल भेजा गया, जहां वाणिज्य विषय का एक भी छात्र नहीं है और पहले से ही एक व्याख्याता पदस्थ हैं। एक और व्याख्याता भेज दी गई हैं।
विज्ञान व्याख्याताओं को हटाया फिर भी नियुक्त किया
रसेड़ा स्कूल में वर्षा शर्मा व रविकांत पटेल को अधिशेष बढक़र हटाया गया लेकिन इस स्कूल में रायपुर से नागेश्वरी वर्मा को विज्ञान के लिए नियुक्त कर दिया गया।