सारंगढ़-बिलाईगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 22 नवंबर। केंद्र सरकार ने ग्राम पंचायतों की विकास के लिए आदर्श ग्राम योजना लेकर आई जिसमें लगभग आदर्श ग्राम में आने वाले पंचायतों को लगभग 40 से 50 लाख रुपये की सौगात दिया, ताकि पंचायतों का विकास भरपूर हो सके। उस में जमीनी स्तर पर काम हुए लेकिन कुछ सालों तक उसके बाद से राशि लटकनी शुरू हो गई। ऐसा ही मामला नई जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के सारंगढ़ जपं का है, जहां लगभग करोड़ों रुपये रायगढ़ जिला की एक विभाग में बंद है और मानो चाबी गुम हो गई हो, ऐसा कहानी बना हुआ है। सारंगढ़ जपं के ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत विभिन्न ग्राम पंचायतों में विकास कार्य हुआ है। विगत वर्ष 2023-24 का निर्माण कार्य का राशि आज तक जारी नहीं हुआ है। कई विकास कार्य पूर्ण तो कई अपूर्ण है। अपूर्ण कार्यों को पूरा कराने के लिए करोड़ों की राशि लंबित है।
2 करोड़ से अधिक की राशि लंबित
सारंगढ़ जपं में लगभग 24 - 25 आदर्श ग्राम है जिनको राशि मिलना है, जिसके लिए जपं सारंगढ़ नें कलेक्टर आदिवासी विकास शाखा को लगातार कई बार लंबित राशि का भुगतान करने पत्र लिख रहा है, किंतु कई पत्र कई महीने बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार का कोई पहल नहीं किया गया है,जिससे प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले ग्राम पंचायतों में विकास कार्य अवरुद्ध हो रहा है। लगभग 2 करोड़ 11 लाख 98 हजार 370 रुपये लंबित है।
सूत्र की माने तो बताया जा रहा कि करोड़ों रुपये की लंबित राशि को जारी करने के लिए मोटी कमीशन का खेला को कारण बताया जा रहा है, एक तरफ प्रदेश के वित्त मंत्री और रायगढ़ के विधायक ओपी चौधरी कहते है एक रुपये का कमीशन नहीं देना है और कोई मांगता है तो मुझे बताएं लेकिन यहां तो सूत्र कमीशन की ओर इशारा कर रहा। फिलहाल शासन के इस कार्यशैली से सरपंच सचिव नाराज हो चुके है।
सरपंच सचिव ग्राम पंचायतों में विकास निर्माण कार्य का एजेंसी होता जिस तरह से 2023-24 का व्यय राशि का भुगतान आज तक नहीं हुआ, जिससे सरपंचों में काफी नाराजगी दिख रही है। निकटतम महीने में पंचायत चुनाव होना है, यदि शीघ्र ही राशि प्रदान नहीं किया जाता है, तो विकास कार्य को पूर्ण करना संभव नहीं है और चुनाव पश्चात और भी सरपंचों का हाल बेहाल हो जाएगा।