रायपुर
रायपुर, 9 नवम्बर। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने स्कूल बसों में लगने वाले उपकरणों के संबंध में परिवहन सचिव और आयुक्त से अपनी मांग रखी। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता महासचिव मोती जैन ने एक बयान में कहा कि स्कूल बसों की उपयोगिता को भी आम परिवहन की बसों की तरह 15 साल की अवधि तक संचालित करने के लिए निवेदन किया। उन्हें अवगत कराया गया कि ऐसे 25 जिलों में आवेदन दिए गए हैं। समय पर मांग पूरी न करने पर चरणबद्ध आंदोलन की भी सूचना दे दी है। एसोसिएशन ने कहा है कि प्रदेश में लगभग 10000 स्कूल बसें संचालित है। इन बसों में जीपीएस लगवाया गया था। जो हाल के नए नियमों में पुराने जीपीएस को शून्य कर दिया गया है। कृपया पुरानी सभी कंपनी जिससे हमने जीपीएस लगवाया था उसे या तो पोर्ट करवा दें या उनके निर्माता कम्पनी को संचालन के लिए निर्देशित किया जाए। जीपीएस तथा पैनिक बटन जो बाजार में आसानी से 3500 से 4000 रूपये के बीच उपलब्ध है। कंपनी उसे 13500 से 14000 रुपए में दे रही ।
जो एक तरह से लूट है। रेट नेगोशिएट कर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। दोगुना की गई रिचार्ज राशि को भी कम कराया जाए। ताकि अतिरिक्त शुल्क ना भरना पड़े। शैक्षणिक उपयोग की बसों को 12 साल बाद फिटनेस नहीं दिए जाने से बसें बेकार हो जा रही हैं। जबकि आम यात्री परिवहन के बसों को 15 साल चलाने की अनुमति है। जबकि स्कूली बसें कमर्शियल बसों से कम चलती हैं और सुरक्षा के ज्यादा उपाय रहते हैं।इसलिए इस तथ्यों को संज्ञान लेकर शैक्षणिक बसों को वापस 15 साल तक संचालन की अनुमति दी जाए।