तिब्बती शरणार्थियों की दुकानों में बढ़ी ग्राहकी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 नवंबर। देश की उत्तरी इलाकों से आ रही ठंडी हवाओं से जिले के तापमान गिर रहा है। पिछले कुछ दिनों से सुबह और देर शाम के वक्त में ठंडी हवाएं चल रही है। धीरे-धीरे ठिठुरन बढ़ती जा रही है। ठंड की दस्तक के साथ लोगों के दिनचर्या पर भी असर दिखने लगा है। उधर तिब्बत शरणार्थियों की पारंपरिक सालाना दुकानों में ग्राहकी बढ़ रही है। ठंड की शुरूआत के साथ गर्म कपड़ों का बाजार सज गया है।
म्युनिसिपल स्कूल के सामने स्थानीय फ्लाई ओवर के नीचे तिब्बती समुदाय के लोगों ने गर्म कपड़ों का बाजार जमा लिया है। इस साल मौसम विभाग ने कड़ाके की सर्दी पडऩे की संभावना जाहिर की है। नवंबर के शुरूआत होते ही पारा में गिरावट दर्ज की जा रही है। जिससे ठिठुरन बढऩे की संभावना प्रबल हो रही है। वहीं दिन में तापमान में आंशिक बढ़ोत्तरी हुई। इसके बावजूद सर्द हवाओं ने लोगों को हल्की ठंड का अहसास कराया।
पिछले कुछ सालों से अक्टूबर-नवंबर के बजाय दिसंबर में ही ठंड ने अपना असर दिखाया, लेकिन इस साल स्थिति अलग है। इस बीच ऊनी कपड़ों की खरीददारी बढ़ी है। उच्च किस्म के गर्म कपड़ों के दाम में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इस साल अच्छी ठंड पडऩे की उम्मीद लिए तिब्बती ऊनी कारोबारियों ने शहर में अपना अस्थाई ठिकाना बना लिया है।
फुटपाथ पर भी सजने लगी दुकानें
शहर के फुटपाथों में भी गर्म कपड़ों के कारोबारी अस्थाई रूप से दुकान सजा रहे हैं। हालांकि नवंबर के महीने में ठंड का अपेक्षित प्रभाव कमजोर है। इसके बावजूद कारोबारी गर्म कपडे लेकर फुटपाथ में नजर आ रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से सर्द हवाएं अपना असर दिखाना शुरू करेंगी।
शहर में लगातार फुटपाथ पर गर्म कपड़ों का कारोबार का चलन बढ़ा है। ऐसे में आम लोग सस्ते एवं टिकाउ गर्म कपड़ों की खरीदी के लिए फुटपाथ में ही नजर आते हैं। शहर के प्रतिष्ठित दुकानों की तुलना में फुटपाथ के कपड़ों के दाम सस्ते होते हैं। बाहरी राज्यों के लोग यहां जनवरी-फरवरी तक गर्म कपड़ों का व्यापार कर मुनाफा कमाते हैं। बताया जा रहा है कि नवंबर और दिसंबर में कड़ाके की सर्दी पडऩे का अनुमान है। ऐसे में व्यापारियों ने गर्म कपड़ों के व्यापार में लाखों रुपए निवेश किए हैं। शहर में दोपहर से शाम तक गर्म कपड़ों का व्यापार फुटपाथ पर करते देखा जा सकता है। आने वाले दिनों में गर्म कपड़ों की खरीददारी के दुकानों में जमघट लगने का अनुमान है।