बालोद

पालकों ने लगाए कई आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 3 सितंबर। शहर में पिछले 10 साल से बीएसपी के दो अलग-अलग भवन में डीएवी स्कूल संचालित है। इन दोनों स्कूल में लगभग 2 हजार बच्चे पढ़ाई करते हैं। स्कूल का पूरा खर्च बीएसपी वहन करती है। इसके बाद भी डीएवी प्रबंधन द्वारा बीएसपी व नान बीएसपी के बच्चों से फीस ली जाती है। वहीं पिछले 3 साल से स्कूल की पढ़ाई का स्तर गिरता जा रहा है। पालकों को अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता सता रही है।
पालक पीजी प्रकाश, सी हरी, वेंकट राव, विष्णुप्रताप सिंह, शेखर रेड्डी, विनोद जैन व रवि जायसवाल ने बताया कि शहर में एकमात्र डीएवी स्कूल संचालित है यह नामी स्कूल में से एक था, लेकिन कुछ साल से इस स्कूल की पढ़ाई का स्तर गिर रहा है।
प्राचार्य की लापरवाही के चलते स्कूल में पढ़ाई ठीक से नहीं होती है। दूसरा कोई विकल्प नहीं है। पहले अनुभवी शिक्षक होने से हर साल टॉप में रहने वाले स्कूल बच्चे मेडिकल व आईआईटी में सलेक्ट होते थे, लेकिन पिछले सत्र में 10 व 12 वीं का परीक्षा परिणाम इतना खराब था कि एक भी बच्चा अच्छा नंबर से पास नहीं हुआ।
पालकों ने आरोप लगाया कि प्राचार्य कभी भी समय पर स्कूल नहीं आती है, पूरे साल में आधा महीना स्कूल में नहीं रहती है। स्कूल में रखे डेस्क की प्लाई उखड़ गई, मरम्मत नहीं कराए। प्राचार्य अपने बच्चे को अलग से क्लास रूम में बैठाकर पढ़ाने के लिए दबाव बनाती है।
इंटक के प्रदेश महासचिव अभय सिंह ने कहा है कि पिछले कुछ साल से प्राचार्य को लेकर पालकों में नाराजगी है। क्योंकि स्कूल का स्तर गिर गया है। पिछले कुछ साल से बच्चे स्कूल के टॉपर नहीं हो रहे है। स्कूल के चेयरमैन को पढ़ाई के गिरते स्तर को संज्ञान में लेकर प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। नहीं तो सभी ट्रेड यूनियन मिलकर डीएवी स्कूल के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
स्कूल की सफाई भी ठीक से नहीं होती है। शौचालय में गंदगी होने से बच्चों को दिक्कत होती है। एक ओर शहर में डेंगू फैला हुआ है। स्कूल के कई बच्चे भी डेंगू से पीडि़त है, वहीं स्कूल प्रबंधन का सफाई में ध्यान नहीं है। वहीं बच्चों के खेल मैदान में बड़े-बड़े गाजर घास उग गये है। सांप, बिच्छू का खतरा बना रहता है। इसकी सफाई भी प्रबंधन द्वारा नही हो पा रही है।
ज्ञात हो कि बीएसपी के द्वारा शहर के सभी स्कूल को बंद कर 60 साल पुराने बीएसपी दो स्कूल भवन को संचालित करने के लिए डीएवी प्रबंधन को दिया गया है। यह भवन इतना पुराना व जर्जर है कि बरसात के दिनों में कमरे में पानी टपकता है। दीवार में सीपेज है। पूरे स्कूल के खिडक़ी, दरवाजे सडऩे लगा है। बिजली की वायरिंग भी अस्त-व्यस्त है। बच्चों को बैठने के डेस्क की प्लाई उखड़ गया है। बेंच में छेद हो गए हैं। बच्चों को बैठने में परेशानी होती है। स्कूल के शौचालय का प्लास्टर गिर गया।
मुख्य महाप्रबंधक माइंस व डीएवी स्कूल चेयरमैन आरबी गहरवार ने कहा कि पढ़ाई का गिरता स्तर संज्ञान में है। स्तर को अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं। पूरे स्कूल में सीसी कैमरा लगाया गया है ताकि पता चल सके कि प्राचार्य व शिक्षक समय पर आते या नहीं। पढ़ाई को लेकर एक कमेटी बनी है। समय समय पर निरीक्षण कर रिपोर्ट देगी। पूरे स्कूल भवन का मेंटेनेस किया जाएगा।