‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 21 दिसंबर। सर्व आदिवासी समाज के विजय सिंह ठाकुर के नेतृत्व में काफी संख्या में लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपर कलेक्टर नीलम टोप्पो को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उन्होंने बताया कि रात्रि 10 बजे ग्राम-पसला के प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास के प्यून (संजय तिवारी) द्वारा सातवीं कक्षा में पढऩे वाले बालक जसवंत सिंह पिता मानसाय को सिर्फ अपनी मां की मृत्यु दिनांक नहीं बता पाने के कारण क्रूरतापूर्वक डंडों से पिटाई की। घटना छात्रावासों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है।
छात्रावासों में रहने वाले हमारे आदिवासी समाज के बच्चें असुरक्षित हैं। छात्रावास का प्यून ही इस तरह की घटना को अंजाम देता है तो कहीं न कहीं विभाग की लापरवाही नजर आती है।
प्रश्न यह भी उठता है कि क्या रात में सभी छात्रावासों को प्यून के भरोसे छोड़ दिया जाता है ? छात्रावासों में छात्रावास अधीक्षकों की नियुक्ति नहीं है क्या ? यदि छात्रावास अधीक्षक की नियुक्ति है तो वहां का छात्रावास अधीक्षक उस रात कहां था ? और कितने दिनों से छात्रावास में नहीं रह रहा था? इस बात की जांच होनी चाहिए तथा लापरवाह छात्रावास अधीक्षक के ऊपर भी कार्रवाई की हम मांग करते हैं।
पुलिस नहीं करती कार्रवाई
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि कोरिया जिले में यह भी देखने में आ रहा है कि आदिवासियों के ऊपर जब अन्याय एवं अत्याचार होता है तो पुलिस कार्रवाई नहीं करती एक-एक महिने तक एफआईआर दायर नहीं की जाती, उसी जगह यदि आदिवासी द्वारा कुछ छोटी-मोटी घटना भी घटित हो तो 5 मिनट के अंदर पुलिस आदिवासियों को उठाकर थाने ले आती है और जेल में डाल देती है इस प्रकार के पक्षपातपूर्ण व्यवहार से समाज के अंदर आक्रोश पैदा हो रहा, यदि इस प्रकार का रवैया लगातार जारी रहता है तो समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।
उन्होंने मांग की है कि जिले में छात्रावासों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु सुरक्षा कर्मी तैनात की जाए, पसला छात्रावास के प्यून, अधीक्षक एवं जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई हो और जिले में पुलिस प्रशासन द्वारा आदिवासियों के ऊपर अन्याय एवं अत्याचार होने पर त्वरित कार्रवाई की जाए।