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कैट-चेम्बर ने कहा, मार्का वाली वस्तुएं जीएसटी में लाने से लोग होंगे प्रभावित, राज्य सरकारों से करेंगे वापिसी की मांग
08-Jul-2022 12:34 PM
कैट-चेम्बर ने कहा, मार्का वाली वस्तुएं जीएसटी में लाने से लोग होंगे प्रभावित, राज्य सरकारों से करेंगे वापिसी की मांग

रायपुर, 8 जुलाई।  छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल एवं कैट के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, महामंत्री सुरिन्दर सिंह एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया।

छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स( कैट) सी.जी.चेप्टर के संयुक्त तत्वाधान में  व्यापार सम्मेलन चेम्बर कार्यालय चै. देवीलाल व्यापार उद्योग भवन, बाम्बे मार्केट, रायपुर में आयोजित की गई।

व्यापार सम्मेलन में मुख्य अतिथि -कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स( कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री बी.सी.भरतिया जी, अध्यक्षता श्री प्रवीण खंडेलवाल जी,राष्ट्रीय महासचिव एवं विशेष अतिथि माननीय श्री सुमीत अग्रवाल जी, राष्ट्रीय सचिव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कैटने बताया कि जीएसटी कॉउंसिल ने गत 28-29 जून को अपनी मीटिंग में किसी भी प्रकार का मार्का लगे हुए खाद्यान्न, बटर, दही, लस्सी आदि को 5 प्रतिशत के कर स्लैब में लाने को देश के आम नागरिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालना बताया।

 कैट एवं अन्य खाद्यान्न संगठनों ने कहा कि यह निर्णय छोटे निर्माताओं एवं व्यापारियों के मुकाबले बड़े ब्रांड के व्यापार में वृद्धि करेगा और आम लोगों द्वारा उपयोग में लाने वाली वस्तुओं को महँगा करेगा ।

अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री-पैक, प्री-लेबल वस्तुओं को अब जीएसटी के कर दायरे में लाया गया है ।

अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों जैसे आटा,पोहा  इत्यादि पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी का प्रावधान किया गया है। सभी राज्यों की अनाज, दाल मिल सहित अन्य व्यापारी संगठन अपने-अपने राज्यों के वित्त मंत्रियों को ज्ञापन देकर इस निर्णय को वापिस लेने का आग्रह करेंगे ।
बेहद खेद की बात है कि सभी राज्यों ने जीएसटी काउन्सिल की मीटिंग में सर्वसम्मति से इसको पारित कर दिया ।


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