बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 6 सितंबर। आदिवासी महिला की जमीन के फर्जी नामांतरण में फंसे बस्तर के डिप्टी कलेक्टर अशोक कुमार मार्बल और पामगढ़ के संयुक्त कलेक्टर राजकुमार तंबोली ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जो खारिज कर दी गई है।
मामला उनके कोरबा जिले में पदस्थ रहने के दौरान का है। शिकायत के मुताबिक आदिवासी महिला बुधवारो बाई के नाम पर 2.19 एकड़ जमीन थी। उसके किराएदार मानकेसर लाल ने 6 दिसंबर 1983 को महिला को धोखे में रखते हुए अपने नाम पर उस जमीन का एक वसीयतनामा तैयार करा लिया। उक्त दोनों अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों से मिलीभगत कर किराएदार ने वह जमीन अपने नाम करा ली। इसका पता चलने पर बुधवारो बाई के संबंधी इंद्रपाल सिंह कंवर ने कटघोरा कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आवेदन किया। इसमें बताया गया कि बुधवारो बाई आदिवासी महिला थी, जबकि मानकेसर लाल गैर आदिवासी है। इस जमीन का नामांतरण नहीं हो सकता था।
मामले की सुनवाई के बाद जेएमएफसी कोर्ट कटघोरा ने 10 फरवरी 2014 को पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद तत्कालीन तहसीलदार अशोक कुमार मार्बल और राजकुमार तंबोली, दो पटवारी विशंभर सिंह ठाकुर और एसके साहू तथा मानकेसर लाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 तथा 34 के तहत जुर्म दर्ज करने का आदेश दिया था। मामले की अब तक पुलिस जांच चल रही है।


