बेमेतरा
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय शाला की छात्रा पर खेल व शिक्षा मंत्रालय ने बनाई फि़ल्म
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 17 सितंबर। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्रा चांद चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। विपरीत परिस्थिति को चुनौती देते हुए चांद ने गतका खेल को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाई और संघर्ष को सफलता में बदल दिया।
आज शिक्षकों के मार्गदर्शन से वह अनगिनत छात्राओं के लिए प्रेरणा और सफलता की मिसाल बन चुकी है। उसकी इस सफलता की कहानी पर शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म खेल एवं शिक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई है, जिससे देश की अन्य बेटियां अपनी परिस्थितियों से संघर्ष कर आगे बढ़ें। उनके लिए चांद की कहानी प्रेरणादायक बन उनके हौसलों को नई उड़ान अवश्य प्रदान करेगी।
कस्तूरबा स्कूल की बनीं पहली छात्रा
बालिका चांद छत्तीसगढ़ के गतका खेल में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड में पदक जीतने के साथ ही खुद के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनी। ऐसी कस्तूरबा की प्रथम बालिका में अपना नाम दर्ज किया। चांद चतुर्वेदी ने शाला परिवार, गांव, बेमेतरा जिले व प्रदेश को अपने इस कार्य से गौरवान्वित किया है।
इस सफलता के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय बेमेतरा की अधीक्षिका भारती घृतलहरे, शिक्षिक ममता गुरुपंच, राजकिरण मिश्रा, गायत्री साहू, विजयलक्ष्मी परगनिया, दीप्ति, सावित्री, नेहा वर्मा आदि ने बधाई दी।
घर की विपरीत परिस्थितियों के बीच हुआ दाखिला
घर की विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष कर उसका दाखिला कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बेमेतरा में हुआ। यहीं से उसके निखरने का सिलसिला चल पड़ा। यहां शिक्षा के अलावा व्यावसायिक शिक्षा जैसे कराटे, खेल, नृत्य सिलाई, गतका, क्राफ्ट के कार्यों का प्रशिक्षण चांद जैसी बच्चियों के लिए वरदान साबित हुआ। विपरीत परिस्थिति को चुनौती देते हुए चांद ने गतका खेल को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया और संघर्ष को सफलता में बदल दिया।


