बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 सितंबर। जिला न्यायालय में वर्ष 2025 का तीसरा नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में 3 करोड़ 54 लाख 10 हजार रुपये की अवार्ड राशि वितरित किया गया। 38 लाख का बिल व कर वसूली की गई। 200 से अधिक प्रकरण का निपटारा किया गया ।
लोक अदालत का प्रधान जिला न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष बृजेन्द्र कुमार शास्त्री द्वारा दीप प्रज्जवलन कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं न्यायिक कर्मचारियों को अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रोत्साहित किया गया । अध्यक्ष ने कहा कि लोक अदालत पक्षकारों के बीच लंबे समय से चली आ रही वैमनस्यता को समाप्त करने का उत्कृष्ट माध्यम है।
9 खंडपीठ में लगी लोक अदालत
लोक अदालत में जिला न्यायालय प्रांगण में जिलेभर से पक्षकार उपस्थित हुए। उनकी सुविधा के लिए विधिक सहायता डेस्क, स्वास्थ्य डेस्क, स्वचलित चिकित्सकीय वेन और बैंक, विद्युत विभाग व फाइनेंस कंपनियों के डेस्क लगाए गए। आयोजन के लिए जिला न्यायालय में 8 खण्डपीठ तथा तहसील साजा न्यायालय में 1 खण्डपीठ गठित कर कुल 9 खण्डपीठ का गठन किया गया, जिनमें दो-दो सुलहकर्ता सदस्यों की नियुक्ति की गई। आयोजन में न्यायालयीन कर्मचारी, पैरालीगल वालंटियर्स, जिला प्रशासन, पंचायतें, नगर पालिका, विद्युत विभाग, बैंक सहित अन्य विभागों का सहयोग प्राप्त हुआ।
परिवार न्यायालय में 28 प्रकरणों का निराकरण
कुटुब न्यायालय बेमेतरा में कुल 28 प्रकरणों का निपटारा हुआ, जिनमें से 08 दंपत्तियों को पुन: साथ भेजा गया। 63 वर्षीय विधवा मां ने पुत्रों के विरुद्ध परवरिश का मामला दायर किया था। न्यायालय की समझाइश पर पुत्रों ने मां से माफी मांगकर परवरिश का आश्वासन दिया। 09 वर्ष साथ रहने के बाद तलाक का मामला दायर करने वाले पति-पत्नी ने बच्चों की खातिर विवाद समाप्त किया। 20 वर्ष साथ रहने के बाद अलग रह रहे दंपत्ति ने आपसी सहमति से मामला समाप्त किया। न्यायाधीश श्रीमती नीलिमा सिंह बघेल ने काउंसलिंग व समझाइश देकर दंपत्तियों को पुन: जोड़ा। विदा के समय उन्हें नारियल, तुलसी का पौधा व सप्तपदी के सात वचन भेंट किए गए।
3 करोड़ 54 लाख 10 हजार रुपए की अवार्ड राशि वितरित
जिले में 9 हजार 477 प्री-लिटिगेशन व लंबित प्रकरण निराकरण के लिए रखे गए थे। इनमें से राजस्व, विद्युत विवाद, बैंक एवं बीएसएनएल प्रकरणों का निराकरण कर कुल 39 ला 88 हजार 867 रू की वसूली की गई।
200 से अधिक प्रकरण का निपटारा
न्यायालय में लंबित 35 आपराधिक प्रकरण, 14 सिविल प्रकरण, 28 पारिवारिक प्रकरण, 26 एनआई एक्ट धारा 138 प्रकरण, 22 मोटर दुर्घटना दावा तथा 2 हजार 319 अन्य प्रकरणों का निराकरण कर कुल 3 करोड़ 14 लाख 21 हजार 419 रूपए का अवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार जिले में कुल 3 करोड़ 54 लाख 10 हजार 286 रूपए की समझौता राशि वसूली गई।
प्रमुख प्रकरणों का निराकरण
मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण: मृतक मनहरण लहरे की दुर्घटना मृत्यु पर बीमा कंपनी द्वारा परिजनों को 20 लाख रूपए की क्षतिपूर्ति दी गई। निष्पादन प्रकरण: श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में 8 लाख 32 हजार 964 रूपए के स्थान पर 50 हजार रूपए में समझौता हुआ। चोलामंडलम फाइनेंस कंपनी के मामले में 2 लाख 46 हजार 780 रूपए की जगह 1 लाख 82 हजार रूपए में समझौता हुआ। चेक अनादरण आपराधिक पर आरोपी को मूल न्यायालय ने 3 माह कारावास व 3 लाख 50 हजार रूपए प्रतिकर का आदेश दिया था। लोक अदालत में आपसी समझौते मामला 3 लाख रूपए में निराकरण हुआ। पति-पत्नी व भाई-भाई के झगड़े: न्यायाधीशों की समझाइश से आपसी राजीनामा कर लंबे समय से चले आ रहे विवाद समाप्त किए गए।


