बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 अगस्त। जिले में उर्वरकों की कालाबाजारी, तस्करी, डायवर्सन, जमाखोरी, अधिक कीमत पर विक्रय, अमानक एवं नकली खाद के विक्रय पर रोक लगाने के लिए सतत् निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में उर्वरक निरीक्षक डॉ. श्याम लाल साहू के औचक निरीक्षण के दौरान विभिन्न खाद विक्रय केन्द्रों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। निरीक्षण के दौरान स्कंध पंजी एवं बिल बुक का संधारण नहीं करना, स्कंध एवं निर्धारित दर का प्रदर्शन नहीं करना, उर्वरक निरीक्षक को आवश्यक जानकारी उपलब्ध न कराना तथा पीओएस मशीन से खाद वितरण न करना प्रमुख रूप से शामिल है।
कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बावजूद संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है।
प्राधिकृत अधिकारी सह उप संचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना ने उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 की धारा-31 के तहत खाद विक्रय केन्द्रों के उर्वरक प्राधिकार पत्र निरस्त करने का आदेश जारी किया है जिसके अंतर्गत मेसर्स रेवेन्द्र कृषि केन्द्र ग्राम हथमुड़ी, मेसर्स ओम कृषि केन्द्र ग्राम पडक़ीडीह, मेसर्स समृद्धि सुमन कृषि केन्द ग्राम खण्डसरा शामिल हैं। निरस्तीकरण के बाद इन केन्द्रों पर भंडारण एवं विक्रय से संबंधित किसी भी प्रकार का व्यवसाय प्रतिबंधित रहेगा। जिला कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए जिला एवं ब्लॉक स्तरीय टीमों द्वारा खाद वितरण की नियमित निगरानी की जा रही है और अनियमितता पाए जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में 2 उर्वरक विक्रय केन्द्रों के लाइसेंस निलंबित भी किए जा चुके हैं।


