बेमेतरा
गार्डन, नया बस स्टैंड, भोजली तालाब के किनारे गंदगी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बेमेतरा, 28 अगस्त। जिला मुख्यालय के सार्वजनिक स्थानों पर कचरे का ढेर, गंदगी, गंदा पानी व सफाई की कमी है। नगर के उद्यान, नया बस स्टैंड, किसान भवन के पास, भोजली तालाब किनारे स्वच्छता को ठेंगा दिखाते हुई तस्वीर सामने आई है, जिससे शहर में डायरिया व जलजनित रोग फैलने का खतरा मंडरा रहा है। सबसे अहम है कि जिला मुयालय के नया बस स्टैंड में दर्जन भर दुकान, होटल व खाद्य सामग्री बेचने की दुकानें लगती हैं पर सफाई केवल आधे बस स्टैंड की ही होती है।
जानकारी हो कि जलजनित रोग से बचने के लिए साफ -सफाई व स्वच्छता पर ध्यान देने की जरूरत होने के बाद भी जिला मुयालय में कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ आ रही हैं, जिससे शहर में डायरिया, उल्टी दस्त व अन्य जलजनित रोग होने का खतरा नजर आ रहा है। पत्रिका ने शहर के सार्वजनिक स्थानों की स्थिति का जायजा लिया।
बजबजाती नाली से मॉर्निंग वॉकर परेशान
नगर के कचहरी रोड स्थित वैद्यराज गार्डन दिन में दो बार लोगों के तफरीह के लिए खुलता रहा है। गार्डन में ओपन जिम भी है, जिसका सेहत पसंद लोग उपयोग करते हैं। वहीं गार्डन से लगा दो सौ मीटर लंबी गंदगी से बजबजाती नाली है, जिसमें निकासी व गंदा पानी से मच्छरों का बसेरा साफ नजर आता है। नाली से उठने वाले बदबू की वजह से गार्डन में आने वाले भी परेशान रहते हैं। मनमोहन शर्मा ने बताया कि बारिश पूर्व इसकी सफाई करानी जरूरी थी पर लगता है कि कई साल से नाली की सफाई नहीं हुई है। इससे पूर्व 2024 के दौरान अभियान को 31 अगस्त तक चलाया गया था। अभियान के तहत 0 से 5 साल आयु वाले बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। वार्ड 20 स्थित भोजली तालाब किनारे दुकानों से निकला कचरा, चौपाटी का खराब कचरा व गंदगी फेंकी जाती है।
हाथ-धोने की आदतों से डायरिया की रोकथाम की जा सकती है। शौच के बाद, भोजन पकाने या खाने से पहले, बच्चों को खाना खिलाने से पहले, मल साफ करने के बाद, कूड़ा या जानवरों को छूने के बाद हाथ धोना जरूरी है। मल-मूत्र करने के बाद हाथ न धोना भी रोग के कारण हैं। गंदगी पसरने न दें। साफ सफाई रखना एकमात्र उपाय है।
बस स्टैंड में यूरिनल की सफाई नहीं होती
जिला मुख्यालय के बस स्टैंड की स्थिति साफ -सफाई के मामले में चिंताजनक है। बस स्टैंड की सफाई की बदहाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक छोर ओपन यूरिनल की तरह उपयोग हो रहा है, जिससे एक बड़े हिस्से में बदबू व गंदगी रहती है। बस स्टैंड के कर्मचारियों ने बताया कि गंदगी की वजह से माहैाल खराब रहता है। पालिका द्वारा लंबे समय से यहां पर ब्लिचिंग पाउडर, फिनायल तक नहीं डाली गई है। सफाई के नाम पर बस स्टैंड के आधे हिस्से में सफाई होती है। आधे हिस्से में मलमा व कचरा फैला रहता है। स्टैंड में नाश्ता, होटल, फल व कई तरह की दुकानें हैं, जहां पर व्याप्त गंदगी की वजह से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
गंदगी ही डायरिया की जननी
बीते साल अगस्त माह के दौरान साजा के लालपुर, सैगोना, बेरला के ग्राम आंनदगांव, ग्राम सेमरिया व अन्य गांवों में अलग-अलग अवधि में डायरिया का प्रकोप हुआ था। इन गांवों में दूषित पानी की वजह से लोग उल्टी दस्त के शिकार हुए थे। इस बार बारिश के दौरान बेरला ब्लॉक के ग्राम बारगांव में डायरिया के 4 मरीज मिले थे। दूषित खानपान, गंदगी व गंदे पानी की वजह डायरिया होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने घर-घर जाकर लोगों का सैंपल लिया और पानी उबालकर पीने की सलाह दी। मितानिनों ने डायरिया से बचाव के उपाय बताए।
बीते 16 जून से 31 जुलाई के दौरान जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में स्टॉप डायरिया अभियान चलाया गया था। पर जमीनी हकीकत सामने नजर आ रही है। अभियान के औचित्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बारिश से पूर्व रोग प्रसार रोकने स्वास्थ्य विभाग, निकाय व ग्राम पंचायत, आंगनबाड़ी कार्यकताओं के संयुक्त प्रयास से सफल बनाने के लिए प्रशासनिक आह्वान के साथ अभियान बीते 31 जुलाई तक चला था। इससे पूर्व 2024 के दौरान अभियान 31 अगस्त तक चलाया गया था। अभियान के तहत 0 से 5 साल आयु वाले बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।


