बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 अगस्त। शासकीय विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान 2025 के अंतर्गत जिले के सभी संकुल प्राचार्यों के दो दिवसीय प्रशिक्षण के समापन सत्र में डाइट प्राचार्य जेके घृतलहरे ने कहा कि शिक्षा जीवन निर्माण की प्रक्रिया है। राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा मिले। चाहे वह किसी भी कोने में क्यों न रहता हो। उन्होंने इसे भविष्य निर्माण की नींव बताया और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना हम सबका सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्य है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य भर के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बहुआयामी रणनीति लागू की गई है।
गुणवत्ता की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी
विद्यालयों के सामाजिक अंकेक्षण के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया, विद्यार्थियों की उपलब्धियां, आधारभूत सुविधाएं और शिक्षक उपस्थिति जैसे सुनिश्चित की जाएगी। इसे सामुदायिक सहभागिता से किया जाएगा।
पालक-शिक्षक बैठक से होगा संवाद
डाइट प्राचार्य ने कहा कि पालक-शिक्षक सहभागिता मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। पालक-शिक्षक बैठकों को एक औपचारिकता नहीं बल्कि संवाद और सहभागिता का माध्यम बनाया जाएगा। इससे शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और बच्चों की प्रगति पर संयुक्त रूप से कार्य हो सकेगा। इस अभियान के तहत कक्षा शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष फोकस रहेगा। मास्टर ट्रेनर और एससीईआरटी के एजुकेटर विकेश यादव ने रूबिक्स में दिए गए सभी स्टार के 20 बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की और साथ ही सामाजिक अंकेक्षक दल के गठन संबंधी जानकारी को सभी प्राचार्य के बीच विस्तृत रूप से रखा।


