बेमेतरा
प्रथम वन मंत्री डीपी घृतलहरे ने कराया था निर्माण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 अगस्त। छत्तीसगढ़ के प्रथम वन मंत्री डीपी घृतलहरे के गृह ग्राम में करोड़ों की लागत से बने भवन एवं हाल खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। ढाई दशक तक राज्य की राजनीति में सक्रिय रहे घृतलहरे ने चक्रवाय को धाम के रूप में विकसित किया।
वार्षिक मेले का आयोजन कर एक नई पहचान दी। समाजिक उत्थान के लिए कई अहम प्रयास किया। वर्ष 2003 तक उनकी नेतृत्व क्षमता का लाभ इस गांव को मिला। चक्रवाय में करोड़ों की लागत से बने भवन एवं हाल आज बदहाल है। घृतलहरे तो दुनिया से विदा ले लिए उनकी निशानी को संजोकर रखने के लिए सरकारी सहायता की दरकार दिख रही है। गांव में मेला समिति का गठन हुआ है पर समिति आर्थिक रूप से इतनी सक्षम नहीं की रंग रोगन कर सके। मेला समिति के पदाधिकारी हेमंत बघेल ने कहा कि सभी भवनों को बहुउद्देशीय, बहुउपयोगी बनाने के लिए समिति प्रतिबद्ध है। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने मुख्य मार्ग से चक्रवाय तक सडक़ नवीनीकरण की सौगात दी है। भरोसा है कि खंडहर हो रहे भवनों की उपयोगिता की दिशा में कुछ सार्थक कदम उठाएंगे, चक्रवाय के गौरव शाली इतिहास को बरकरार रखने समस्त ग्राम वासी एक है।


