बेमेतरा

​ स्कूलों में विद्यार्थी मोबाइल लेकर नहीं आ सकेंगे, मोबाइल से होमवर्क देने पर भी लगाई रोक
19-Jul-2025 2:56 PM
​ स्कूलों में विद्यार्थी मोबाइल लेकर नहीं आ सकेंगे, मोबाइल से होमवर्क देने पर भी लगाई रोक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 19 जुलाई। जिले के सभी स्कूलों में मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सप्ताहभर में स्कूली विद्यार्थियों व शिक्षकों के द्वारा मोबाइल उपयोग करने को लेकर दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। जिले के 1299 स्कूल जिनमें शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त सभी तरह के स्कूल शामिल हैं। इनमें अध्ययन करने वाले 1 लाख 82 हजार 554 विद्यार्थी अब स्कूल में मोबाइल लेकर नहीं आ सकेंगे । वहीं प्राइवेट स्कूलों में मोबाइल से होमवर्क देने पर भी रोक लगा दी गई है। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. कमल कपूर बंजारे से आदेश को लेकर पक्ष जानने का प्रयास किया गया, पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

जानकारी के अनुसार बच्चों में मोबाइल के उपयोग करने से होने वाले नुकसान को लेकर स्कूलों में कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं सत्र के दौरान विधानसभा में भी स्कूलों में बच्चों के मोबाइल उपयोग करने को लेकर ध्यानाकर्षण लाया गया था, जिसके बाद अब जिला शिक्षा विभाग ने मोबाइल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसे लेकर अलग-अलग दो आदेश जारी किए गए हैं।

 इनमें एक आदेश यह है कि जिले के सभी 342 अशासकीय स्कूल के शिक्षक अब अपने विद्यार्थियों को मोबाइल से होमवर्क नहीं दे सकेंगें। जिला शिक्षाधिकारी डॉ. कमल कपूर बंजारे ने बच्चों में मोबाइल की लत को बढऩे से रोकने के लिए कदम उठाया है।

सोशल मीडिया में वायरल हुआ था एक वीडियो

रायपुर के एक बच्चे की मोबाइल के प्रति जिद सोशल मीडिया में वायरल होते ही जिला शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों में मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए एक नया आदेश जारी किया है। डॉ. बंजारे द्वारा जारी आदेश के अनुसार निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्मार्ट मोबाइल स्मार्ट के माध्यम से शिक्षकीय कार्य नहीं करवा सकेंगे।

केवल प्राइवेट स्कूल पर फोकस

आदेश में लिखा गया है कि आमतौर पर प्राइवेट स्कूल के शिक्षक स्मार्ट मोबाइल में छात्र-छात्राओं की कक्षाओं का ग्रुप बनाकर उन्हें होमवर्क देते हैं। मोबाइल के ही माध्यम से अधिकतर छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों से संबंधित प्रश्नों की जानकारी दी जाती है, जो कि शिक्षकों की छात्र-छात्राओं के प्रति, उनके कर्तव्यों व कार्यों में घोर लापरवाही थी। इसके कारण छात्र-छात्राएं मोबाईल की गिरफ्त में फंस रहे हैं और सोशल मीडिया की लत उन्हें लग रही है। इससे धीरे-धीरे नकारात्मक विचार, अश्लील व आपराधिक गतिविधियों की ओर उनका ध्यान लगातार बढ़ता जा रहा है।

 इसे देखते हुए शिक्षकों के मोबाइल पर होमवर्क देने पर रोक लगा दी गई है।

चश्माधारी बन रहे बच्चे, आंखें हो रही खराब

लगातार व अधिक मोबाइल उपयोग करने के कारण छात्र-छात्राओं की आंखें खराब हो रही हैं व छोटे बच्चों में आंखों की बीमारी बढ़ रही है, जिसके कारण कम उम्र में ही चश्मा लगाना पड़ रहा है। इस तरह की गतिविधियां निजी स्कूलों में होने से विद्यार्थियेां के पालक भी परेशान हो रहे हैं। दूसरी ओर बच्चों में मोबाइल की लत लगने से नकारात्मकता व आपराधिक गतिविधियां की ओर ध्यान जा रहा है।

3295 बच्चों की जांच में 665 में दृष्टिदोष

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार चिरायु टीम द्वारा लगाए गए कैंप में गत वर्ष 3295 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिनमें 21 बच्चों में हृदय, बधिरता, तालू की विकृति, टीबी, त्वचा रोग, दंतरोग, मांस पेशियों में विकार, कान के संक्रमण सहित कुल 21 रोगों की 3295 बच्चों में जांच की गई, जिसमें 2997 बच्चों में विभिन्न रोग होना पाया गया था। इनमें 665 बच्चों में दृष्टि होना पाया गया।

 

नोडल अधिकारी को सूचना जारी, निगरानी रखेंगे

जिले के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक के कुल 342 स्कूल के नोडल अधिकारियों को भी मोबाइल से होमवर्क देने पर रोक लगाने की सूचना दी गई है। इसके साथ ही सभी को इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने कहा गया है।

मोबाइल नहीं लाने आदेश

जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय ने एक और आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार जिले के सभी शासकीय व अशासकीय 1299 स्कूलों के शिक्षकों को कक्षा में मोबाइल साइलेंट रखने और विद्यार्थियों को स्कूल में मोबाइल लेकर नहीं लाने कहा गया है। शिक्षकों को अपना मोबाइल स्टाफ रूम में रखने और बच्चों को स्कूल में मोबाइल लेकर आने पर प्रतिंबध लगा दिया गया है।

मोबाइल से कई नुकसान  हैं - विद्यासागर रात्रे

जिला अस्पताल में पदस्थ नेत्र चिकित्सा सहायक अधिकारी विद्यासागर रात्रे ने बताया कि मोबाइल से आंख को कई नुकसान होते हैं। बच्चों में भेंगापान व दृष्टि दोष होने का खतरा रहता है, जिससे देखते हुए बच्चों को मोबाइल कम से कम उपयोग करना ही बेहतर होता है।

 


अन्य पोस्ट