बेमेतरा

बेमेतरा : 5 माह में 800 लोगों को कुत्तों ने काटा, अब तक 2400 से अधिक लोगों को इंजेक्शन लगाए
04-Jul-2025 4:10 PM
बेमेतरा : 5 माह में 800 लोगों को कुत्तों ने काटा, अब  तक 2400 से अधिक लोगों को इंजेक्शन लगाए

कुत्तों की नसबंदी नहीं होने के कारण लगातार बढ़ती जा रही आबादी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 4 जुलाई। जिले में 5 माह के दौरान 800 से अधिक लोगों पर कुत्ते ने हमला किया, जिससे वे घायल हो गए। गर्मी के बाद बारिश के प्रारंभ में प्रजनन काल में कुत्तों के अधिक आक्रमक होने से काटने का खतरा बढ़ जाता है। जिले में एंटी रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई सीजीएमएससी से नहीं होने की वजह से लोकल परचेस किया गया है। जिले में 5 माह के दौरान 2400 से अधिक डोज मरीजों को लगा चुके हैं। नसबंदी बंद होने की वजह से कुत्तों की बढ़ती संख्या थम नहीं रही है।

जानकारी के अनुसार बारिश के प्रारंभ में ब्रीडिंग सीजन होने की वजह से कुत्ता काटने की घटनाएं अधिक होने का खतरा बना रहता है। गर्मी की रवानगी के बाद बारिश के प्रारंभ होने के शुरुआती समय में कुत्ते अधिक आक्रमक होते हैं, जिसकी वजह से थोड़ा सा भी खतरे का आभास को देखते हुए हमला कर देते हैं। शहर व जिले में स्ट्रीट डॉग की बढ़ती आबादी से हर वर्ग परेशान है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े भी डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र में कुत्ते के काटने से पूर्व में 2 बच्चियों की मौत हो चुकी है। जिला अस्पताल में हर दिन 5 से 8 डाग बाइट के केस आ रहे हैं।

जिला अस्पताल में बीती जनवरी से लेकर जून के अंत तक 284 प्रकरण कुत्ते के काटने के थे, जिनका उपचार किया गया है। प्रबंधन के अनुसार सभी मरीजों को पर्याप्त डोज दिया गया है। कुछ प्रकरण बंदर व अन्य जीव जंतुओं के काटने के भी मिले हैं, जिन्हें इंजेक्शन लगाया गया है।

प्रजनन काल में भी आक्रामक होते हैं

डॉ. विजय कुर्रे ने बताया कि मादा डॉग का प्रजनन काल साल में दो बार माना जाता है। कुछ कुत्तों में यह अंतराल लंबा हो सकता है। बारिश को मुख्य प्रजनन काल कहा जाता है। गर्भावस्था अवधि लगभग 9 सप्ताह की होती है। नर कुत्तों में प्रजनन काल का कोई निश्चित समय नहीं होता। बारिश का मौसम इस वजह से खतरनाक माना गया है।

गाय व स्ट्रीट डॉग के उपचार के लिए सुविधा नहीं- हरीश चौहान

पशु सेवक हरीश चौहान ने कहा कि आमतौर पर आवारा मवेशियों की दुर्घटना होने की स्थिति में जिले भर में कहीं पर भी उपचार व रखरखाव की सुविधा नहीं है। डॉग भी एक जीव है। उनके प्रति भी दया जरूरी है। वहीं बेवजह डॉग को परेशान नहीं करना चाहिए। घायल होने की स्थिति में काटने का खतरा बढ़ जाता है। गाय के उपचार के लिए व रखरखाव की सुविधा नहीं है।

 

सत्र में 5000 एंटी रैबीज की डिमांड, नहीं मिली

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्तपाल व अन्य सरकारी अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए जिला कार्यालय से सीजीएमएससी को 5000 नग इंजेक्शन की मांग की गई थी, जिसकी सप्लाई नहीं होने पर स्थानीय स्तर पर 1000 नग इंजेक्शन खरीदकर 700 अस्पतालों में सप्लाई की गई है। 300 नग स्टोर किया गया है।

बीते साल 4495 प्रकरण, इस बार आधे से अधिक प्रकरण

जिले में बीते सत्र यानी 24-25 के दौरान डॉग बाइट के 4495 मरीजों का उपचार किया गया था। जारी सत्र के दौरान अब तक 2444 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। जिले में जनवरी में 564, फरवरी 547, मार्च 516, अप्रैल 396, मई 371 मरीजों को एंटी रैबीज इंजेक्शन की डोज लगाई जा चुकी है। आकड़ों के अनुसार बीते सत्र के औसत से अधिक प्रकरण इस साल पहुंच रहे हैं। पशु चिकित्सकों की मानें तो कोई भी पशु तभी हिंसक होता है, जब उसकी जरूरत पूरी नहीं होती। स्ट्रीट डॉग को खाना ठीक से नहीं मिलता या ज्यादा भूखे होते हैं तब किसी पर भी हमला कर देते हैं। किसी पशु को जबरन छेड़ा जाए तो वह चिढ़ जाते हैं।


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