बेमेतरा

प्रशासन ने कब्जाधारी के सामने ही कराई सीमांकन की प्रक्रिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 15 मई। पति की मेहनत से खरीदी जमीन पर कब्जा कर बैठे अवैध कब्जाधारी से परेशान होकर कलेक्टोरेट पहुंचकर अपनी व्यथा को बताते हुए फफक-फफक कर रोने वाली राजबती को उसकी जमीन कुछ घंटे बाद ही कब्जा मुक्त कराकर सौंप दिया गया।
‘छत्तीसगढ़’ ने बुजुर्ग महिला की आपबीती को 14 मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल उठाए गए थे। बहरहाल, बुजुर्ग महिला की शिकायत पर कलेक्टर के आदेश पर तत्काल कार्रवाई की गई।
मिल गई जमीन
जिस जमीन को पूर्व में चिन्हांकित किया गया था पर उसका कब्जा नहीं मिला था। इस बार प्रशासन की सती और स्थानीय सहयोग से यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई। वहीं कब्जा करने वाले के समाने ही पूरी प्रकिया की गई। इस पूरी प्रक्रिया के बाद जमीन पर अवैध रूप से काबिज शस के सामने सीमांकन किया गया। इस दौरान अन्य लोग भी मौजूद रहे।
पारदर्शिता के साथ दिलाया जमीन का वास्तविक कब्जा
राजबती की जमीन पर बेजा कब्जा करने के मामले में कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देश पर बेरला के तहसीलदार आशुतोष गुप्ता ने राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचकर न सिर्फ भूमि का पुन: चिन्हांकन किया बल्कि अनावेदक साधेलाल की उपस्थिति में पारदर्शिता के साथ राजबती को उसकी जमीन का वास्तविक कब्जा दिलवाया। बांस-बल्ली लगाकर स्पष्ट सीमांकन भी कर दिया गया ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो। इस मामले में प्रशासन की हर कोई तारीफ कर रहा है क्योंकि जिस दिन जनदर्शन स्थगित रहा उस दिन कलेक्टर के सामने बुजुर्ग ने फरियाद की थी।
दर्द और बेबसी के आंसू खुशी में बदले
कार्यवाही के बाद राजबती अपने पति की अथक मेहनत से तैयार की गई जमीन को पाने के बाद उसके आखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। कल राजबती के आखों में दर्द व बेबसी के आंसू थे पर आज उसका समय बदल गया और उनकी आंखों में आभार नजर आया। राजबती के मामले में हुई तत्परता से कार्यवाही ने लोगों केे मन में प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा किया है। क्योंकि एक दिन पूर्व ही कलेक्टर से राजबती ने शिकायत की थी।