बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 26 अप्रैल। जिले के जीवनदायनी शिवनाथ नदी पर तांदुला जलाशय से छोड़ा गया पानी अभी तक अमोरा के एनीकट में नहीं पहुंचा है। 8 दिन की लंबी अवधि में नदी का बहाव अभी केवल सल्धा के एनीकट में पहुंचा है। सल्धा से अमोरा में आने में चार दिन का का समय और लग सकता है। शिवनाथ में पानी नहीं होने से बेमेतरा पेयजल आवर्धन एवं बेमेतरा समूह पेयजल योजना प्रभावित हुई है।
भारी जलसंकट की स्थिति को देखते हुए करीब एक माह पूर्व मार्च में मोगराबैराज से शिवनाथ पर पानी छोड़ा गया था। पानी छोडऩे से लोगों को पेयजल व निस्तारी दोनों तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता था पर मोगरा बैराज का पानी अमोरा पहुंचने से पूर्व ही खप चुका है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन के प्रयासों से जरूरत को देखते हुए तांदुला से पानी छोडऩे के लिए पत्र लिखा गया जिसके बाद तांदुला बैराज से निकला पानी अभी अमोरा एनीकट तक नहीं पहुंचा है। अभी करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है। इस दूरी में दो गहरे रेत खदान भी जिसकी वजह से जिला मुख्यालय में पेयजल संकट की स्थिति बनी है जिसे दूर होने में अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
फिल्टर प्लांट बंद, जिला मुख्यालय भी प्रभावित
जिला मुख्यालय के सभी 21 वार्ड में खारा पानी की समस्या है। जिसे देखते हुए शिवनाथ नदी से पानी लाकर फिल्टर कर लोगों तक मीठा पानी पहुंचाने के लिए पेयजल आवर्घन योजना संचालित है। करीब एक माह से शिवनाथ में पानी नहीं होने की वजह से बंद हो चुका है। इसी तरह की स्थिति बेमेतरा समूह प्रदाय योजना की भी है जहां पर बिते 10 दिनो से सप्लाई थम गई है। सप्लाई बंद होने से 57 गांव के 50 हजार से अधिक ग्रामीणों के सामने पेयजल संकट की स्थिति है। आने वाले दिनों में अमोरा घाट में पानी आने पर दोनों योजनाओ के प्रांरभ होने से लोगों को राहत मिल सकती है।
ईई जलसंसाधन विभाग चंद्रशेखर शिवहरे ने बताया कि तांदुला का पानी शिवनाथ पर छोड़ा गया है जो जल्द अमोरा निकट तक पहुंचेगी, जिससे दोनों योजनाएं फिर से प्रारंभ हो सकेगी।


