बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 15 अप्रैल। संविधान निर्माता, समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बालसमुंद ग्राम पंचायत में एक प्रेरणादायक और सामाजिक चेतना से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का नेतृत्व पूर्व सरपंच संजय जोशी और पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने किया, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ी महासभा के संयोजक डॉ. सौरभ निर्वाणी उपस्थित रहे। इस आयोजन का उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि तक सीमित न रहकर, डॉ. अंबेडकर के विचारों को ग्राम स्तर पर व्यवहार में लाना और सामाजिक समरसता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात संजय जोशी द्वारा संविधान की पुस्तक से सामूहिक शपथ दिलाई गई। उपस्थित ग्रामीणों, विशेषकर युवाओं और महिलाओं ने समानता, न्याय, स्वतंत्रता और भाईचारे के मूल्यों को अपनाने का संकल्प लिया।
महिलाओं की अभूतपूर्व सहभागिता
ग्राम पंचायत परिसर में आयोजित इस आयोजन में गांव की दर्जनों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह बाबा साहब के उस विचार की सजीव प्रस्तुति थी जिसमें वे कहते थे। यदि समाज की असली शक्ति जागेगी, तो वह नारी शक्ति होगी।
इस अवसर पर उपस्थित अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ी महासभा के संयोजक डॉ. सौरभ निर्वाणी ने कहा-संविधान की रक्षा केवल अदालतों का कार्य नहीं, यह हर नागरिक का कर्तव्य है।
जब गांव का युवा और महिला संविधान को समझेगा, तभी सच्ची स्वतंत्रता संभव है। अंबेडकर जी केवल दलितों के नेता नहीं थे, वे पूरे भारत के आत्मबल का प्रतीक थे। उनका जीवन संघर्ष, शिक्षा और समानता की त्रयी का आदर्श है। हमें उनके संदेश को संस्कृति और सेवा के माध्यम से जनमानस तक ले जाना है।


