बेमेतरा

कायाकल्प योजना के तहत मिले 50 लाख, बावजूद प्रसाधन व्यवस्था दुरुस्त नहीं
28-Mar-2025 2:43 PM
कायाकल्प योजना के तहत मिले 50 लाख, बावजूद प्रसाधन व्यवस्था दुरुस्त नहीं

प्रसव वार्ड के प्रसाधन चोक, दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 मार्च।
 कायाकल्प योजना के तहत प्रथम पुरस्कार 50 लाख मिलने के बावजूद बेमेतरा चाइल्ड मदर हॉस्पिटल के प्रसव वार्ड के प्रसाधन की खराब स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। आलम यह है कि प्रसाधन में इंडियन सीट पूरी तरह से चोक है। वहीं कमोड सीट क़ी पाइप लाइन टूटी हुई है। यहां पानी भी नहीं आ रहा है। सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि प्रसव वार्ड में प्रसाधन में पानी की व्यवस्था नहीं है। बाथरूम के बाद महिलाओं को नहाने के कक्ष में जाना पड़ रहा है लेकिन यहां भी पाइपलाइन फूटने से लगातार पानी बह रहा है।

प्रसाधन कक्ष में भर रहा मल व पानी 
प्रसाधन में आने-जाने के रास्ते में पानी भरा हुआ है। जहां महिलाओं की यूरिन पानी में मिल रहा है। महिलाओं के नहाने वाले कक्ष में लगातार नलों से पानी बह रहा है जो प्रसाधन कक्ष में भर रहा है। इससे महिलाओं में संक्रमण की स्थिति बनी हुई है। टूटे-फूटे प्रसाधन में बाथरूम जाने के बाद महिलाओं को मजबूरी में दूसरे कक्ष में जाना पड़ रहा है इसे लेकर प्रसूता महिलाओं में खासी नाराजगी है

शिकायत पर महिलाओं को ठीक से इलाज नहीं होने का डर 
बुधवार को इलाज के लिए बेमेतरा निवासी जिया खियलानी को प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया। बाथरूम जाने पर बताया कि ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी है। महिलाएं परेशान हो रही है। बाथरूम के दौरान अलग-अलग कक्ष में जाना पड़ रहा है। भर्ती महिलाओं के परिजन ने बताया कि अगर हम व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हैं तो स्टाफ को जानकारी मिलने पर ठीक ढंग से इलाज नहीं होने का डर लगा रहता है, इसलिए वह शिकायत करने से घबराती हंै।

 

100 बिस्तर अस्पताल में सुविधाओं का अभाव 
100 बिस्तर अस्पताल में प्रसाधन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमने उच्च अधिकारियों को खत लिखा है। बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।

महिलाएं गंदगी के बीच बाथरूम जा रही हैं। महिलाएं जो प्रसव के लिए पहुंचती है वो बाथरूम में नहीं बैठ पा रही है। उनके परिजन रूम में जाकर उनकी व्यवस्था को देख रहे हैं

पत्र लिखा है पर ध्यान नहीं दे रहे-प्रबंधन
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चोक शौचालय को सुधारने व टूट-फूट को नए सिरे से दुरुस्त करने सीजीएमएससी के इंजीनियर को पत्र लिखा गया है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नगर पालिका से संपर्क किया गया, लेकिन स्टाफ की कमी होने का हवाला देकर उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए।


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