बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 7 मार्च। जिला स्तरीय स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन एमसीएच विंग, जिला चिकित्सालय में किया गया। इस शिविर का संचालन बालाजी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल रायपुर ने किया जिसमें 0-18 वर्ष की आयु के आंगनबाड़ी और शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
इस शिविर में चिरायु दल ने जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) से पीडि़त बच्चों की पहचान की । कुल 34 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण और ईसीएचओ जांच की गई, जिनमें से 10 बच्चों को ऑपरेशन के लिए चिन्हित किया गया। इसके अतिरिक्त, 11 बच्चों को चिकित्सकीय परामर्श के अंतर्गत एक वर्ष तक निगरानी में रखा गया, जबकि एक गंभीर रूप से पीडि़त बच्चे को राज्य से बाहर इलाज कराने की सलाह दी गई। शेष बच्चों को स्वस्थ पाया गया।
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने इस अवसर पर बच्चों के माता-पिता को प्रोत्साहित करते हुए ऑपरेशन के लिए परामर्श दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. वाय. के. ध्रुव ने बताया कि जन्मजात हृदय रोग बच्चों के हृदय की संरचना में असामान्यताओं के कारण होता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, शरीर का नीला पडऩा और शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं।
उन्होंने कहा कि इस रोग से पीडि़त बच्चों की उम्र सामान्य बच्चों से कम होती है, जिससे असमय मृत्यु का खतरा रहता है। चिरायु योजना के तहत चिन्हित बच्चों का नि:शुल्क इलाज और जांच की जाती है, और जो बच्चे राज्य में उपचार के योग्य नहीं होते, उन्हें राज्य के बाहर भी इलाज के लिए भेजा जाता है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. ए. के. बसोड ने बताया कि जन्मजात हृदय रोग का ऑपरेशन पूरी तरह सफफल और सुरक्षित होता है। इस शिविर में जिला नोडल अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला सलाहकार, समस्त चिरायु दल और कार्यालयीन स्टाफ की उपस्थिति रही।


