बेमेतरा

गुलाब और गेंदे की खेती से अंजनी व उमा ने पाया आर्थिक लाभ
06-Jan-2025 2:26 PM
गुलाब और गेंदे की खेती से अंजनी व उमा ने पाया आर्थिक लाभ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 6 जनवरी। ग्राम बेरलाकला की अंजनी साहू और ग्राम बोरसी की उमा वर्मा ने अपनी मेहनत और लगन से बिहान योजना के माध्यम से आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी है। दोनों महिलाओं ने महिला स्व-सहायता समूहों से जुडक़र न केवल अपनी आजीविका को सुदृढ़ किया बल्कि अपने परिवार के लिए आर्थिक स्थिरता भी लाने में मदद की।

गुलाब की खेती से खुशहाली 

गंगा महिला स्व-सहायता समूह से जुडक़र अंजनी साहू ने बैंक ऋण प्राप्त कर एक एकड़ जमीन में गुलाब की खेती की शुरुआत की। गुलाब के फूलों की गुणवत्ता और उनकी मेहनत के चलते वे प्रतिदिन रायपुर में फूलों का विक्रय करती हैं। उनकी मासिक आय 15 से 20 हजार रुपए तक पहुंच गई है। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार को आर्थिक सहारा दिया बल्कि उन्हें गांव में एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया है।

गेंदे की खेती से सवा लाख की आमदनी

ग्राम बोरसी की उमा वर्मा ने एकादशी महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से बैंक और ग्राम संगठन से ऋण प्राप्त कर गेंदे की खेती की शुरुआत की। उनकी मेहनत और बेहतर प्रबंधन के चलते उन्होंने सवा लाख रुपए की आय अर्जित की। उनकी इस सफलता ने यह दिखा दिया कि सही योजना और मेहनत से ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं।

प्रेरणा का स्रोत 

बिहान योजना के तहत ये दोनों महिलाएं स्व-सहायता समूहों के साथ जुडक़र एक मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए दृढ़ संकल्प और मेहनत सबसे महत्वपूर्ण है। इनकी सफलता अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पहचान और आजीविका के लिए संघर्ष कर रही हैं। बिहान योजना ने इन्हें एक नया जीवन दिया है और ये महिलाएं समाज में परिवर्तन का प्रतीक बन गई हैं।


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