बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 17 सितंबर। ग्राम मुलमुला में संचालित पोल्ट्री फार्म से निकलने वाले दूषित पानी से किसानों को हुई नुकसान की गुहार लेकर 30 जुलाई को किसान कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। पूरे डेढ़ महीने बाद की स्थिति यह की किसानों की पीड़ा सुनने कोई मौके पर नहीं पहुंचा। मुलमुला, मुंगेली, बाराडेरा के फरियादी किसानों में से कुछ को पोल्ट्री फार्म प्रबंधन ने नगद राशि देकर चुप करा दिया।
बाकी किसान किस राजनीति का शिकार हुए यह कुछ दिन में सार्वजनिक होगा, पर बेमेतरा जिले में अंडा का फंडा मजबूत है यह प्रशासन ने साबित कर दिया अन्यथा अब तक की गई कार्रवाई सार्वजनिक हो गई होती। पोल्ट्री फार्म के संबंध में यह कोई पहली शिकायत नहीं है। इससे पहले पूर्व विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे ने जिला प्रशासन को जांच के लिए पत्र लिखा था जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग ने जांच कराया था। इसमें स्कूली बच्चों द्वारा मिड डे मील नहीं खाने एवं नाक मुंह बंद रखने की लिखित जानकारी आई थी। पोल्ट्री फार्म को पानी निकासी के लिए केनाल समर्पित करने वाला जल संसाधन विभाग केवल पत्राचार तक सीमित है। हेल्थ, पर्यावरण उद्योग एवं श्रम विभाग को ऐसा कौन सा ताकत मिल रहा है जो इसकी सत्यता सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं।
सीएम जनदर्शन में जाएंगे
किसान हरिहर शर्मा, एमआर साहू ने कहा कि पोल्ट्री फार्म प्रबंधन द्वारा कुछ किसानों को फसल क्षति दिया गया, कुछ किसानों को आज तक नहीं दिया गया, राजनीतिक संरक्षण के चलते सरपंच बैकफुट पर आ गए हैं। अब हम सीएम जनदर्शन में जाकर उन्हें नारियल सुपारी देकर मुलमुला में रात गुजारने की गुजारिश करेंगे।