बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 30 मई। ग्राम पंचायत गोडमर्रा में रात के अंधेरे में मुरूम दलालों द्वारा अवैध रूप से मुरूम खनन किया जा रहा है, जिससे खनिज विभाग को लाखों रुपयों का चूना लग रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रात को लगभग 9 से 10 बजे के बाद अवैध खनन प्रारंभ होता है। इस दौरान जेसीबी और 10 से 12 चक्के वाले भारी वाहनों का उपयोग किया जाता है। गांव के लिए खनन करने की शुरुआत पहले की जाती है लेकिन गांव में बमुश्किल रात भर में 4-5 ट्रीप ही मुरूम खाली होता है। शेष मुरूम अवैध रूप से बाहर जाता है।
यदि अनुमति होती तो दिन के उजाले में होता खनन
ग्रामीणों का कहना है कि यदि खनिज विभाग द्वारा इन्हें खनन की अनुमति रहती तो ये दिन के उजाले में खनन करते। रात भर खनन करने के बाद सुबह-सुबह बंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि सुबह बंद होना यह दर्शाता है कि खनन के लिए खनिज विभाग से अनुमति नहीं ली गई है। गोडमर्रा, गतापार, गाड़ाडीह, चेचानमेटा, भटगांव व परपोड़ी जैसी जगहों में आए दिन खनन चलता रहता है लेकिन ये काम रात के अंधेरे में ही नहीं बल्कि दिन के उजालों में भी खुले आम चलता है।
शिकायत पर पहुंचते हैं अधिकारी तो माफिया गायब
ग्रामीणों के अनुसार अवैध मुरुम की शिकायत करने पर जब आला अधिकारी स्पॉट पर पहुंचते हैं तो उनके पहुंचने के पहले अवैध खनन में लगे जेसीबी और अन्य गाडिय़ां वहां से गायब हो जाती हैं। आला अधिकारियों के पहुंचने पर उन्हें वहां कुछ नहीं मिलता। ग्रामीणों ने इस बात की भी शंका जताई है कि आखिर अधिकारियों के निकलते ही अवैध खनन माफिया को कोई न कोई जानकारी देता है, तभी वे भाग निकलते हैं। देवकर तहसीलदार केआर वासनिक ने कहा कि खनिज विभाग से अनुमति है कि नहीं इसका पता लगाएंगे।


