बेमेतरा
जिला अस्पताल में ऑनलाइन पंजीयन सुविधा शुरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 मई। जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को आज से कतार लगाने की जरूरत नहीं होगी। अस्पताल में आने वाले मरीजों को मोबाईल से ही ओपीडी पर्ची की आनलाईन सुविधा आभा ऐप से मिलेगा। मरीजों को एप की वजह से अस्पताल आने के बाद उपचार पूर्व होने वाले समय की बर्बादी से मुक्ति मिल सकेगी।
जिला अस्पताल में शुक्रवार से आभा एप का लाभ दिया जाना प्रारंभ किया गया है इससे आने वाले मरीजों को ओपीडी पर्ची के लिए लाइन लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। मरीज या परिजन घर बैठे ही मोबाइल ऐप (आभा) के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं या फिर इसके लिए इस ऐप के क्यूआर कोड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आभा एप तैयार किया
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एक मोबाइल ऐप (आभा) तैयार किया गया है, जिसका उपयोग कर मरीज या परिजन अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। सिविज सर्जन डॉ.चुरेन्द्र ने बताया कि इस ऐप में मरीज का एक आभा कार्ड बनेगा, जिममें यूजर्स को एक 14 डिजिट का कार्ड मिलेगा, जिसमें मरीज के हेल्थ (डाइग्नोस्टिक व दवाई) की पूरी जानकारी भी होगी। इससे कहीं पर भी किसी भी डॉक्टर द्वारा मरीज की पूरी हेल्थ हिस्ट्री जानने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
एप के उपयोग पर दिया जा रहा जोर
स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों के शुद्धीकरण और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत इस ऐप के यूज के लिए जोर दिया जा रहा है। इसके तहत यूजर्स को स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति आभा कार्ड बनवा सकता है। इसमें पंजीयन के लिए मरीज या परिजन को ऐप या जिला अस्पताल के ऐप का क्यूआर कोड का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
आसान है इस ऐप का उपयोग करना
जिला अस्पताल के अस्पताल प्रमुख सलाहकार डॉ.स्वाति यदु ने बताया कि आभा ऐप का उपयोग कोई भी स्मार्ट मोबाइल धारक कर सकता है। ऐप या क्यूआर कोड के माध्यम से रजिस्टर्ड ऑप्शन में जाकर अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर दर्ज कर रजिस्टर्ड करें। इसके बाद ओटीपी सत्यापन होगा और उपयोगकर्ता को अपना नाम, लिंग, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर व ईमेल का विवरण देना होगा। इस ऐप से संबंधित क्यूआर कोड जिला अस्पताल में चस्पा किया गया है।
आज 54 मरीजों ने लाभ उठाया
जिला अस्पताल में शुक्रवार को आभा ऐप का प्रथम दिन जांच व उपचार कराने के लिए पहंचे मरीजों को ऐप के बारे में बताया गया जिसके बाद ऐप स्टाल कर 54 मरीजों ने इसका लाभ लिया है।


