बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 2 जनवरी। नई मोटर वीकल एक्ट के विरोध में जिले के सैकड़ों बसों के पहिए थमे रहे। बस ऑपरेटरों ने अपनी बसों को बस स्टैंड में पार्किंग कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसके अलावा ट्रक, आटो समेत अन्य माल वाहक मालिक भी हड़ताल में शामिल हुए। बस ऑपरेटर समेत अन्य वाहन स्वामी मोटर वीकल एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकरियो ने संशोधन वापस नहीं लिए जाने की स्थिति में अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है। आंदोलनकारियों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौपा है। जिसमें मुख्य रूप से सरकार की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए संशोधन को वापस लेने की मांग की है। फिलहाल 3 जनवरी तक हड़ताल की घोषणा की है।
डिमांड के अनुसार टैंकर नहीं आ रहे, 50 फीसदी पंपों में पेट्रोल और डीजल की शार्टेज
शहर के दर्जन भर से अधिक पेट्रोल पंप है। जिसमें से 6 से 7 पेट्रोल पंपों में पेट्रोल नहीं मिलने के कारण लोग परेशान होते रहे। इस संबंध में पेट्रोल पंप संगठन के अध्यक्ष अखिलेश शर्मा ने बताया कि हड़ताल के कारण डिमांड के अनुसार टैंकर नहीं पहुँच पाए हैं। इसलिए पेट्रोल और डीजल की कई पेट्रोल पंपों में शार्टेज हुई है, हालांकि शहर के कई पेट्रोल पंपों में पेट्रोल अभी भी मिल रहा है।
कैन में पेट्रोल देने का विरोध, पंपों में भारी विवाद
इस संबंध में ‘छत्तीसगढ़’ संवादाता ने पड़ताल की तो मिल की कई पेट्रोल पंपों में लिमिट तय कर दी गई थी। दो से तीन लीटर तक ही पेट्रोल दिया जा रहा था। वहीं पेट्रोल पंप में कैन लेकर पहुँचे लोगों को पेट्रोल नहीं देने को लेकर वाहन स्वामी और पेट्रोल पंप कर्मचारियों के बीच तीखी बहस देखने को मिला। वाहन स्वामियों के अनुसार जो वाहन लेकर पंप पहुँचे हैं, उन्हें पहले पेट्रोल दिया जाए क्योंकि कैन में पेट्रोल देने का नियम नहीं हैं।
यात्री गंतब्य तक जाने की लेकर दिनभर होते रहे परेशान
बसों के पहिये थमने के कारण बस स्टैंड में दर्जनों यात्री अपने गंतब्य को जाने को लेकर परेशान होते रहे। अंतत: परेशान होकर यात्री लौट गए। बस स्टैंड पहुँचे मोहन वर्मा ग्राम ढारा ने बताया कि उसे निजी काम से रायपुर जाना था, लेकिन बस नहीं चलने के कारण अब लौटना पड़ रहा है। दूसरी व्यवस्था से रायपुर जाना पड़ेगा।
नागेश साहू ग्राम पांडरभट्टा ने बताया कि इसे अपने ससुराल कवर्धा जाना था, लेकिन यहां आने पर पता चला कि बसों की नहीं चलने की जानकारी मिली। कि यात्री अपने बच्चों के साथ बस स्टैंड पहुँचे थे जो अपने गंतब्य को जाने को लेकर परेशान होते रहे।
पेट्रोल पंपो में लंबी कतारें
शहर के कई पेट्रोल पंपों में अचानक पेट्रोल और डीजल की शार्टेज होने से पंपो में लोगों की भारी भीड़ लगी रही। पेट्रोल पंप कर्मियों ने बताया कि रात में भी भारी वाहनों की भीड़ लग गई थी। यही स्थिति दो दिनों से बनी हुई है। पंप में सैकड़ों लोगों की भीड़ एक साथ पहुँच गई। जहां पेट्रोल नहीं मिलने पर ,लेट होने पर लोग भारी नाराज हो रहे थे।
ड्राइवरों को क्यों हो रही परेशानी
बस ऑपरेटर ललित विश्वकर्मा ने बताया कि कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए है। प्रस्तावित कानून में कई खामियां है। देशभर में पहले से ही 25-30 फीसदी ड्राइवरों की कमी है। इस तरह के कानून से ड्राइवरों की और कमी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की परेशानी के तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोर्ट और ड्राइवरों का है।
10 साल की सजा व 7 लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान
केन्द्र सरकार द्वारा सडक़ हादसों पर नियंत्रण करने के लिए हिड एंड रन कानून में बदलाव किया जा रहा है। ड्राइवर इस कानून को लाने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल इंडियन पीनल कोड 2023 में हुए संसोधन के बाद एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को10 साल की सजा और 7 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बस ऑपरेटर आंनद साहू ने बताया कि नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरिया छोड़ रहे हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो कि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है।


