बेमेतरा
लोगों ने कहा-सुविधाओं व जरूरतों को शहर से कर रहे दूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 26 दिसंबर। आने वाले दिनों में शहर से 3 किमी दूर कोबिया भाठा में तहसील कार्यालय का संचालन होगा। वर्तमान में संचालित तहसील कार्यालय शहर के मध्य में होने की वजह से शहरवासियों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक है। शहरवासियों को आने वाले समय में वर्तमान बस स्टैंड से तीन किलोमीटर दूर तहसील कार्यालय संबंधित काम के लिए जाना पड़ेगा, जो कोबिया भाठा में प्रस्तावित है।
नया कार्यालय भवन बनाने के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। जानकारी होगी 1907 में गठित बेमेतरा तहसील के लिए नया भवन बनाने की तैयारी की जा रही है। तहसील कार्यालय के लिए कोबिया भाटा में आईटीआई के पीछे करीब 84 हेक्टर भूखंड को चिन्हित किया गया है। नए भवन के लिए शासन द्वारा पौने तीन करोड रुपए के बजट स्वीकृत किया गया है। भवन के लिए बजट मिलने के बाद अब स्थल चयन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। हालांकि जानकार मानते हैं कि स्थल चयन के लिए एक बार फिर शहर से दूर कोबिया भाटा को ओर रुख किया गया है। आने वाले समय में कार्यालय संचालित होने की स्थिति में तहसील व अनुविभागीय कार्यालय से संबंधित कामकाज के लिए तालुकेदारों को कई किमी जाना होगा।
कलेक्टोरेट के आसपास निर्माण हो तो ठीक है
आम लोगों की माने तो वर्तमान चयनित स्थल के बजाय वर्तमान कलेक्ट्रेट के आसपास ही तहसील व अनुविभागीय कार्यालय के लिए स्थल चयन करने पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। जिससे लोगों को सभी राजस्व विभाग के कार्यालय का लाभ कलेक्ट्रेट के आसपास ही मिल सके। चयनित स्थल कलेक्ट्रेट से 2 किमी दूर है। बहरहाल जरूरी वह महत्व कार्यालय के लिए चयनित स्थल को लेकर जन सुविधाओं का ध्यान रखना को लेकर उदासीनता सामने आई है।
स्थल चयन की जानकारी जनप्रतिनिधियों को पता ही नहीं
जिला गठन के दौरान जिला कार्यालय के लिए तत्कालीन अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी की थी, जिसके बाद ही स्थल चयन किया गया था। तहसील व अनुविभाग स्तर के दो महत्वपूर्ण कार्यालयों के स्थल चयन करने से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सुध तक नहीं ली गई। नगर पालिका उपाध्यक्ष पंचू साहू का कहना है कि वर्तमान स्थल ही सबसे उपयुक्त है।
शहर की सुविधओं व जरूरतों को शहर से दूर किया जा रहा है। कार्यालय चयन के पूर्व जनप्रतिनिधियों से राय व सलाह ली जानी चाहिए थी पर नहीं ली गई। पार्षद नीतू कोठारी का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की सलाह ली जानी चाहिए थी पर नहीं ली गई।
समझिए दूरियों का गणित
बस स्टैंड से दूरी- 3 किमी
कलेक्ट्रोरेट- 2 किमी
जनपद पंचायत- 2.4 किमी
आईटीआई - 3 किमी
टाउन हॉल - 4 किमी
स्टेडियम - 4 किमी
परिवहन कार्यालय - 7 किमी
बीईओ कार्यलय - 3 किमी
उपपंजीयक कार्यालय - 3 किमी
क्या पुराने सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा
इससे पूर्व शहर की कई महत्वपूर्ण व जरूरी कार्यालयों को शहर के अंतिम छोर में भेजा गया है। इससे पूर्व शहर के मध्य में संचालित नगर पालिका कार्यालय, पशु औषधालय, उपपंजीयक कार्यालय, विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय व जनपद बेमेतरा का कार्यालय बाहर जा चुका है। इसके अलावा शहर के लिए जरूरी टाउन हॉल शहर से 4 किमी दूर है। शहरवासियों को पूर्व की अपेक्षा 3 से 4 किमी दूर जाना पड़ रहा है। और तो और जिला मुख्यायलय का आरटीओ कार्यालय शहर से 7 किमी दूर बनाया गया है। नए आरटीओ कार्यालय तक लोगों को जाना दूभर हो गया है। जानकार मानते हैं कि शहर के पुराने बसाहट वाले इलाकों की अपेक्षा नई बसाहट वाले इलाके की महत्व दिया जा रहा है। जबकि शहर के अंदर अभी भी शासकीय भूखंड खाली हैं।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुरुचि सिंह ने कहा कि शहर के अंदर आवश्यक रकबा के अनुसार में जमीन नहीं होने की वजह से उक्त स्थल का चयन किया गया है। इससे पूर्व कई स्थान का निरीक्षण किया गया था।


