बेमेतरा

जिला प्रशासन हुआ संवेदनशील, शहर में की ठंड से बचने की व्यवस्था
22-Dec-2023 7:15 PM
जिला प्रशासन हुआ संवेदनशील, शहर में की ठंड से बचने की व्यवस्था

 रैन बसेरा में रिक्शा चालकों, आवास विहीन लोगों के लिए ठहरने का इंतजाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 22 दिसंबर। मौसम में आए बदलाव के कारण पूरे छत्तीसगढ़ सहित बेमेतरा जिले में इन दिनों सुबह-शाम शीतलहर और सर्दी तेज होने लगी है। इसके चलते बेमेतरा शहर सहित सभी विकासखंडों में नगरपालिका द्वारा अलाव जलाने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, आवास विहीन, अदृश्य श्रेणी के नि:सहाय व्यक्ति के लिए रैन बसेरा में ठहराने की व्यवस्था की गई है।

बीते मंगलवार को कलेक्टर पी.एस.एल्मा ने समय-सीमा की बैठक में नगरपालिका अधिकारी को समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। जिले में बीते चार-पांच दिनों से सुबह-शाम सर्दी का अहसास होने लगा है। इसका लोगों की दिनचर्या में भी परिवर्तन हो रहा है। सुबह -शाम भी गलन महसूस होने से लोग अलाव का सहारा लेने लगे है। गांवों में भी लोगों को जगह-जगह अलाव तापते हुए देखा जा सकता है। शाम होते ही ठंडक बढऩे लगती है।

जलने लगे अलाव

मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि नगर के नया बस स्टैण्ड, सिगलन चौंक आश्रय स्थल, सिंघौरी शीतला मंदिर, कलेक्टर कार्यालय के आगे साहू किराना स्टोर के पास अलाव की व्यवस्था की गई है । जिससे आम जनता को ठंड से राहत मिल सके। रैन बसेरा बस स्टैण्ड में रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, आवास विहीन, अदृश्य श्रेणी के नि:सहाय व्यक्ति के लिए व्यवस्था की गई है। वहीं बस स्टेण्ड, आदि स्थानों पर अलाव जलाई जा रही है। जहां लोग आग तापते देखें जा सकते है। वही बेरला के चिन्हांकित जगहों पर भी अलाव की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार जिले के साजा, और नवागढ़ में भी लोगों को सर्दी से राहत देने के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग के सुरक्षित स्थलों पर भी अलाव की व्यवस्था की गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने जनता से की अपील

कलेक्टर पीएस एल्मा के निर्देशानुसार  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिले के आम जनता से अपील की है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकारण एवं भारत मौसम विज्ञान केन्द्र द्वारा अलर्ट जारी किया गया है कि माह दिसम्बर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता और तीक्ष्णता शीतलहर का रूप ले लेती है। इस वर्ष भी दिसम्बर माह से ठंड प्रारंभ हो गई है। नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रो में नि:सहाय, आवासहीन, गरीब, बृद्ध एवं स्कूल जाने वाले विद्यार्थी इत्यादि के ठंड से प्रभावित होने की संभावाना है जिस संबंध में बचाव हेतू क्या करे या क्या ना करे का दिशा-निर्देश जारी किया गया है, जिसमें जितना संभव हो घर के अंदर रहे अति आवश्यक कार्य हाने पर ही घर से बाहर जावे। मौसम संबंधित समाचार व आपातकाल के संबंध में जारी समाचारों को ध्यान से सुने व पढ़े। वृद्ध एवं बच्चो को ध्यान रखे तथा उन्हें अकेला ना छोड़ें। यह भी सुनिश्चित करे, कि पावरसप्लाई आपातकाल में भी रहे। ऐसे आवास का उपयोग करे जहाँ तापमान सही रहता हो, आवश्यकतानुसार गर्म पानी पीते रहे। बिजली का प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति में फ्रीज़ में खाने के सामान को 48 घंटे से ज्यादा न रखे।

 शीतलहर से बचाव हेतू टोपी या मफलर का उपयोग किया जा सकता है तथा सिर व कान ढक कर रहे। यदि कैरोसिन या कोल के हिटर का उपयोग करते हो तो गैस व धुए निकलने के लिए रोशनदान की व्यवस्था रखे 7 स्वास्थ्यवर्धक भोजन, गर्म व ताजा भोजन का ही सेवन करे।

यदि सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे- जैसे नाक, कान, पैर-हाथ की उंगलिया आदि लाल होतो तत्काल अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करे। असामान्य तापमान की स्थिति, अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में आदि में परेशानी हो तो तत्काल अपने नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करे।


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