बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 11 मई। सिंधी समाज के वरिष्ठ नागरिक हरिमल लखानी के मरणोपरांत नेत्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि हरिमल के बेटों ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी किया। उनके अनिल, दिलीप, कमल और विमल लखानी चार बेटे हैं।
मंगलवार को हरिमल (85) का हृदयाघात से निज निवास में निधन हो गया उनके नेत्रदान की अंतिम इच्छा से परिवार जनों ने समाज प्रमुख प्रकाश शीतलानी को अवगत कराया। समाज प्रमुख के सुझाव पर दिवंगत हरिमल के नेत्र दान करने का निर्णय लिया गया। नेत्रदान के लिए समाज के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग व लायंस क्लब सचिव डॉ विनय ताम्रकार से सम्पर्क किया।
सिंधी समाज के नेत्रदान का कदम अनुकरणीय
इस अवसर पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनय ताम्रकार ने कहा कि नेत्र दान करने घोषणा पत्र भरना आवश्यक नहीं होता है। नेत्र दान करने घर वालों की सहमति ही आवश्यक होता है। परिजन की मृत्यु होने पर शीघ्र ही नेत्र विभाग को सूचित करना चाहिए। नेत्रदान करने के लिए परिजन के मृत्यु के चार घण्टे के भीतर नेत्र दान के लिए नेत्र निकाल लेना चाहिए। नेत्रदान से किसे कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया जाता है, ये गुप्त रखा जाता है।
नेत्रदान किसी दो दृष्टिहीन व्यक्तियों दृष्टि मिलती है। सभी लोगों को सिंधी समाज द्वारा किए गए नेत्रदान का अनुकरण करना चाहिए और दृष्टिहीन व्यक्तियों को ज्योति प्रदान करने में सहयोग करना चाहिए।


