बेमेतरा

बच्चों ने खोली बड़ों की पोल, कभी चिट्ठी कभी दीवार, नतमस्तक हुई सरकार
08-May-2023 4:01 PM
बच्चों ने खोली बड़ों की पोल, कभी चिट्ठी  कभी दीवार, नतमस्तक हुई सरकार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 मई।
ग्राम ढोलिया में शराब की खेप एक छात्रा की चिट्ठी के बाद पकड़े जाने से यह तय हो गया कि बड़ों ने जब जिम्मेदारी नहीं ली तो बच्चे सबक सिखाने आ गए। बेमेतरा जिले के स्कूल इतिहास इस बात की साक्षी है कि छात्रों ने जब भी मौका मिला आइना दिखाया।

कोई एक दशक पहले सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक स्कूलों में एक कक्ष को सजाया गया था। छात्र अन्य विधा में अपना हुनर दिखाते सप्ताह में एक दिन बच्चों का अखबार निकलता जिसमें वे बतौर संपादक, पत्रकार अपनी भावना को उकेरते। बच्चों का अखबार स्कूल के बाहर बोर्ड पर चस्पा किया जाता। बेमेतरा ब्लाक के एक स्कूल में छात्रों के अखबार को शिक्षकों ने गंभीरता से नहीं लिया। 

बोर्ड की जगह अखबार रबर लगाकर खिडक़ी से फेंक दिया गया। अखबार बाजार में आया तो विभाग की सच्चाई सामने आ गई। बच्चों ने अपनी पत्रकारिता को जिस जिम्मेदारी से निभाया यह नई पीढ़ी के लिए शिक्षा के साथ सबक भी है। बच्चों ने बिना लाग लपेट अपनी बोलचाल की भाषा में लिखा था कि मध्यान्ह भोजन में दाल मिलता है तो सब्जी नहीं। सब्जी मिलती है तो दाल नहीं। आज तक भर पेट भोजन नहीं मिला। खीर पूड़ी जिस दिन बनता है उस दिन देखना है कि खाना है, इस पर विचार करना पड़ता है। खाना परोसने वाली अम्मा को देखकर लगता है कि परोसने नहीं पीटने आ रही है। छात्रों ने अपने अखबार में शिक्षकों को भी बेनकाब किया। एक ने शिक्षक के नाम का उल्लेख करते हुए लिखा कि फला गुरुजी तो गुटका खाकर दीवारों में थूकता है। एक बच्चे ने टीचर के पढ़ाई पर सवालिया निशान लगाते हुए लिखा कि क्लास में सोने के लिए आते हैं। कुछ पूछो तो भडक़ जाते है। बच्चों के इस पत्र के बारे में जानकारी देते हुए जब तत्कालीन शिक्षा सचिव सुनील कुमार से पूछा गया था तब उन्होंने कहा था कि बेमेतरा जिले के छात्र बड़े होनहार है। 

सुनील कुमार ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस जिले में एक मंदबुद्धि युवती से अनाचार हुआ। पुलिस आरोपी को ढूंढने में असफल रही। पूरा गांव हाथ खड़ा कर दिया। फिर एक दिन स्कूल के दीवार में किसी छात्र ने आरोपी का नाम लिखकर सब कुछ सार्वजनिक कर दिया। अब ढोलिया की छात्रा ने जो चिट्ठी बम फोड़ा है यह उन लोगों को करारा तमाचा है जो कार्रवाई के नाम पर खाली तलाशी बताकर सरकारी कागज रंगते हैं। प्रशिक्षु आईएएस सुरुचि सिंह ने पत्र को गंभीरता से लिया और छात्रा की भावना का ख्याल रखा। यह एक अधिकारी की बड़प्पन है अन्यथा अब तो चिट्ठी कोई पढ़ता कहा है। पूरे जिले में शराब की अवैध बिक्री चरम पर है। एक छात्रा की चिट्ठी हमें यह बताती है की बुराई हमें रौंदकर आगे निकल गई। स्कूल के चौखट सुरक्षित नहीं। बालमन में नशे की जानकारी किसी अभिशाप से कम नहीं।

उपलब्धता ने बना दी नशेड़ी 
गांव में सरल सहज उपलब्ध शराब ने अनगिनत नशेड़ी पैदा कर दिया है। बालमन को विपरीत प्रभाव से बचाने की जिनकी जिम्मेदारी है वहीं बेफिक्र है। जिन गांवों में कभी शराब नहीं बिकी आज उन ग्रामों में शराब बिक्री की होड़ लगी है। कुछ वर्ष पूर्व नवागढ़ ब्लाक के एक गांव से प्राथमिक स्कूल के चार छात्र लापता हो गए। इन छात्रों की तलाश शुरू हुई , घंटो बाद चारों छात्र गांव के नजदीक बगीचे में अर्धचेतना अवस्था में मिले। बच्चों के नजदीक शराब की शीशी मिली। उपचार के बाद बच्चों ने कहा कि घरवालों के लिए रोज लाते थे आज हमारी इच्छा हुई पीकर देखने की पी लिए। बाद में क्या हुआ पता नहीं। इस घटना के बाद शिक्षकों ने पालकों को बुलाकर कहा कि जो आप करोगे बच्चे वहीं सीखेंगे, स्कूली बच्चों को तो छोड़ दो।

गर्व है ऐसे छात्रों पर 
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने कहा कि समाजिक बुराई के खिलाफ सामाजिक सरोकार में छात्रा ने जिस दायित्व का निर्वहन किया है यह सराहनीय है, समय-समय पर जिले के होनहार छात्रों ने जो कार्य किया है इस पर हमें गर्व है।
 


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