बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 8 मई। शहर में आईपीएल एवं ऑनलाइन सट्टा जोरों पर है। आलम यह है कि सट्टेबाजी के कारण कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं। वर्तमान में दो युवकों की आत्महत्या के मामले को आईपीएल सट्टे से जोडक़र देखा जा रहा है, जिसमें आईपीएल सट्टा में बाजी हारने के बाद पैसा देने के दबाव के सामने बिखरे युवकों के आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही है। दोनों युवक गरीब परिवार से आते हैं।
रातों-रात पैसा कमाने की लालच में युवा वर्ग आईपीएल सट्टाबाजी के चक्रव्यूह में फंसते जा रहे हैं। वर्तमान मामला जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर ग्राम हथमुड़ी का है। जहां 19 साल के युवक संजय पिता केजूराम वर्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रकरण को आईपीएल से जोडक़र देखा जा रहा है, हालांकि परिजन आत्महत्या के कारण की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
परिजनों ने आत्महत्या के कारण कि नहीं की पुष्टि
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार युवक आईपीएल क्रिकेट लीग में बाजी लगाता था। युवक के पिता केजूराम ने बताया कि उसका बेटा बेमेतरा शहर में बीते डेढ़ साल से फल बेचने का काम करता था। सुबह 7 बजे घर से निकल जाता और रात परिवार वालों के सोने के बाद करीब 9 बजे घर पहुंचा था। ऐसी स्थिति में युवक की गतिविधि से परिजन अवगत नहीं थे, इसलिए आत्महत्या के संबंध में परिजन कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। वहीं पुलिस को शव के पास से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला।
25 दिनों बाद भी नहीं मिली सीडीआर रिपोर्ट, उठे सवाल
गौरतलब हो कि करीब 25 दिनों पूर्व बेमेतरा जिला मुख्यालय में बाजार पारा निवासी एक युवक ने आईपीएल सट्टेबाजी में राशि हारने के बाद फांसी लगाने की आशंका जताई गई। इस मामले में बेमेतरा पुलिस ने युवक कि मोबाइल को जब्त कर सीडीआर निकालने के लिए साइबर सेल को सौंपा था। पुलिस की विवेचना की गंभीरता का आलम यह है कि प्रकरण के 25 दिन बीत जाने बावजूद सीडीआर नहीं निकाला गया है। नतीजतन युवक की आखिरी समय में किन लोगों से बात हुई थी। इसकी अब तक पुष्टि नहीं हुई है। नतीजतन विवेचना आगे नहीं बढ़ पाई है।
आईपीएल सट्टा ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैला
आईपीएल सट्टेबाजी सिर्फ शहरों तक सीमित थी, लेकिन अब यह कारोबार ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल चुका है। इंटरनेट के विस्तार के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवा वर्ग मोबाइल पर आईपीएल क्रिकेट मैच देखने के साथ बाजी लगा रहे हैं। जिसके दुष्प्रभाव सामने आने लगे हैं। बड़े खाईवाल पकड़े जाने के डर ग्रामीण क्षेत्रों से आईपीएल सट्टे का कारोबार संचालित कर रहे हैं, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र की ओर पुलिस का विशेष ध्यान नहीं रहता है। पुलिस चिन्हांकित खाईवालों पर नजर बनाए रखती है। ऐसी स्थिति में बड़े खाईवाल ग्रामीण क्षेत्रों के युवकों को इस कारोबार से जोड़ रहे हैं।
बड़े खाईवाल पुलिस के गिरफ्त से बाहर
चिन्हांकित बड़े खाईवाल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जिनके सट्टा खिलाने की पुष्टि है, बावजूद कर्रवाई नहीं हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से तीन खाईवाल को आईपीएल सट्टा खिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि बड़े खाईवाल जो जिला मुख्यालय समेत दीगर जिलों में बड़े पैमाने पर आईपीएल सट्टे का कारोबार कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई नही होने से सवाल खड़े हो रहे हैं। बड़े खाईवाल बेधडक़ आईपीएल सट्टा खिला रहे हैं। संबंधित खाईवालों के द्वारा अपने मददगारो को आईपीएल सीजन में लाखों रुपए दिए जाते हैं। ताकि उन पर कार्रवाई ना हो सके।
ग्रामीण क्षेत्रों से तीन खाईवाल गिरफ्तार, प्रकरण दर्ज
पुलिस ने आईपीएल सट्टा खिलाने के आरोप में ग्रामीण क्षेत्रों से तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से 45 हजार रुपए नगद, 3 लाख रुपए से अधिक के ट्रांजैक्शन, तीन मोबाइल एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं। आरोपी चंद्रशेखर वर्मा (24) निवासी ग्राम हथमुड़ी, कुलदीप साहू (23) ग्राम मूलमुला एवं रोशन भारती (23) ग्राम चंदनू को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ जुआ अधिनियम की धारा 7, 8 के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई में एसडीओपी मनोज तिर्की, थाना प्रभारी अंबर सिंह भारद्वाज, प्रधान आरक्षक अनुपम शर्मा, गोपाल राजपूत, गोपाल ध्रुव, रामेश्वर मांडले, आरक्षक शिव कुमार सेन, राजेंद्र जायसवाल शामिल थे।
हर मैच पर लाखों रुपए का सट्टा लगा रहे युवा
शहर में आईपीएल सीजन के हर मैच में सट्टेबाजों की जमकर चांदी होती है। एक-एक मैच पर लाखों रुपए की बुकिंग होती है। ऑनलाइन बुकिंग की वजह से इनका नेटवर्क ट्रेक करना पुलिस के लिए भी काफी मुश्किल होता है। आईपीएल सट्टा खेलने वाले कुछ सटोरियों अभी ऑफलाइन खिला रहे हैं। इनके द्वारा शहर में कुछ खास जगह पर अपने बुकी बैठा रखे हैं। जो नगद रुपए लेकर बुकिंग करते हैं। एक साल पहले पुलिस ने आईपीएल सट्टे के मामले में रायपुर मार्ग स्थित एक होटल में कार्रवाई की थी,लेकिन यह कार्रवाई भी दुर्ग पुलिस की ओर से की गई थी।
देवरबीजा चौकी प्रभारी राकेश साहू ने बताया कि मृत युवक की मोबाइल जब्त किया गया है, जिसकी सीडीआर निकालने के लिए साइबर सेल को मोबाइल भेजा जाएगा। शव के पास से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिवारजन भी आत्महत्या के कारण की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। आत्महत्या के कारण अज्ञात है।


