बेमेतरा

व्यवस्था में जीना ही निरंतर सुख-राममिलन
27-Apr-2023 2:35 PM
व्यवस्था में जीना ही निरंतर सुख-राममिलन

 ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 27 अप्रैल। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट बेमेतरा में चल रहे चेतना विकास एवं मूल्य शिक्षा जीवन विद्या के द्वितीय दिवस इस शिविर में मानव तीर्थ किरीतपुर के प्रबोधक राम मिलन यादव ने प्रकृति में व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। तत्पश्चात 6 स्तर की व्यवस्था के बारे में बहुत ही विस्तारपूर्वक समझाया।

स्वयं में व्यवस्था, शरीर में व्यवस्था, परिवार में व्यवस्था, समाज में व्यवस्था, प्रकृति में व्यवस्था और अस्तित्व में व्यवस्था को बहुत सुंदर तरीके से बताया गया। साथ ही यह भी बताया की व्यवस्था में जीना ही सुख है। हम जिस स्थिति परिस्थिति में व्यक्ति के साथ रह रहे हैं, उसमें निहित व्यवस्था जो सहज स्वीकार हो, उसका निर्वाह करना ही निरंतर सुख है।

मानव मानव के साथ और प्रकृति के साथ रहता है जीता है प्रकृति के साथ की व्यवस्था को समझना और जीना यही स्वीकार हो यही निरंतर सुख है। जब तक हम व्यवस्थित नहीं होंगे तब तक हम निरंतर सुख को प्राप्त नहीं कर सकेंगे। मानव में व्यवस्था, परिवार में भागीदार कर व्यवस्था, समाज में शिक्षा व्यवस्था में भागीदार कर उसे बनाएंगे, तभी निरंतर सुख मिलेगा, प्रकृति को समझते हुए, व्यवस्था को समझते हुए ही हमें जीना है। व्यवस्था को समझने से ही शांति आएगी। मानव मानव के साथ, मानव की प्रकृति के साथ तालमेल पूर्वक जीने की योग्यता से ही संपन्न मानव समझदार मानव कहलाता है।

आज हमारे सामने बहुत सारी प्रचलित पंक्तियां है जिसे हम कई वर्षों से पढ़ते चले आ रहे है। जैसे आवश्यकताएं अनंत है और साधन सीमित है। आज इस पर विचार करने की आवश्यकता है। क्योंकि हमारी आवश्यकताएं तो रोटी कपड़ा और मकान है। हमारी इच्छाएं अनंत है। मानव सामाजिक प्राणी है इस कथन को भी आज जांचने की आवश्यकता है, क्या मनुष्य प्राण अवस्था की इकाई है ? इसे भी जांचना है। फिर आपने जांचने के तरीके भी बताए। निरीक्षण स्वयं में निरीक्षण करना है, परीक्षण दूसरों के साथ वह मानव सहज है कि नहीं, और सर्वेक्षण सभी के साथ हमें जांचना चाहिए की वह मानव सहज है कि नहीं।

शिविर में छात्र अध्यापकों द्वारा पूछे गए बहुत से जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। अंत में राष्ट्रगान के द्वारा द्वितीय दिवस के शिविर का समापन किया गया। आज के शिविर में प्रबोधक के रूप में राम मिलन यादव, मुकेश देवांगन, घनश्याम देवांगन ने अपनी बात रखी। इस अवसर पर प्रमुख जेके घृतलहरे सहित सभी अकादमिक और कार्यालयीन सदस्य उपस्थित थे।

शिविर का संचालन थलज कुमार साहू व्याख्याता डाइट ने किया।


अन्य पोस्ट