बेमेतरा

सपाद लखेश्वर धाम में सवा लाख शिवलिंग की 125 पुजारी करेंगे पूजा-अर्चना - शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
21-Apr-2023 9:15 PM
सपाद लखेश्वर धाम में सवा लाख शिवलिंग की 125 पुजारी करेंगे पूजा-अर्चना - शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा,  21 अप्रैल। सपाद लखेश्वर धाम बेमेतरा में शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के द्वारा श्री शिवमहापुराण कथा का वाचन किया जा रहा था।

ज्ञात हो कि सपाद लखेश्वरधाम एशिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर बनने जा रहा है, जिसमें सवा लाख शिवलिंग की स्थापना हो रही है। सवा लाख शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा-अर्चना को लेकर सवाल उठने लगे थे, जिस पर स्वामी श्री शंकराचार्य महाराज ने विराम लगा दिया।

सभी को लग रहा था कि मंदिर में पुजारी तो एक होता है व एक पुजारी कैसे सवा लाख शिवलिंग की पूजा-अर्चना भोग और अभिषेक समय पर कर पाएगा। 

शंकराचार्य महाराज ने बताया कि मंदिर बनाना सरल है, लेकिन भगवान की समय पर पूजा-अर्चना, भोग और अभिषेक होना अनिवार्य है, कुछ लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं। आपके मन में ऐसे सवाल आज उठ रहे हैं हमने इसका हल प्रारंभ में ही निकाल लिया है।

मंदिर में होंगे 125 पुजारी
योजना यह है कि इसमें जो सवा लाख शिवलिंग होंगे, उनका वर्गीकरण होगा। यह 1 हजार का एक समूह माना जाएगा। एक पुजारी सवा लाख की पूजा नहीं करेगा, अगर हम लगा भी ले तो कर नहीं पाएगा, तो 1000 शिवलिंग की पूजा ही एक पुजारी कर सकेगा। यहां अभिषेक के साथ पूजा-अर्चना करनी है। इसीलिए 1 हजार शिवलिंग की पूजा एक पुजारी करेगा और इस तरह से इस मंदिर में 125 पुजारी होंगे।

शंकराचार्य महाराज ने बताया कि जो गुरुकुलम यहां बनने वाला है उसमें केवल यही सवा सौ डेढ़ सौ पुजारी नहीं पढ़ेंगे बल्कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग, धमतरी व बेमेतरा क्षेत्र के जितने ब्राह्मण हैं। इस क्षेत्र में जितने मंदिर हैं। उन सबका आह्वान हम करेंगे। यदि किसी पंडित ने प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया है मंत्रों का शुद्ध उच्चारण नहीं सीख पाए हैं, तो कोई बात नहीं है। देवरबीजा में हमारा जगतगुरुकुलम है, वहां आइए, आपको रहने के लिए जगह, भोजन दिया जाएगा और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। ताकि आप प्रशिक्षित पंडित बन करके अपने ग्राम में जाएं व वहां भगवान को विधि विधान के साथ पूजा करके उनकी जागृति करें।

रायपुर में खुलेगा जगत गुरुकुलम
शंकराचार्य महाराज ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जितने सनातन धर्म के मंदिर हैं वह शिव मंदिर, देवी मंदिर, विष्णु मंदिर हो सकते हैं और देवताओं के मंदिर हो सकते हैं। उन सब मंदिरों में विधि विधान के साथ पूजा व अर्चना करने के लिए प्रशिक्षित पंडितों की एक फौज हम तैयार करेंगे। इसके लिए रायपुर में हम लोग 1008 बच्चों का जगत गुरुकुलम खोलने जा रहे हैं। केवल छत्तीसगढ़ के बच्चे वहां पर पढ़ेंगे और वे छत्तीसगढ़ के मंदिरों में जाकर मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे।


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