बेमेतरा

बांग्लादेश में गेंहू निर्यात करने के नाम पर 55 लाख की धोखाधड़ी, भोपाल से बंदी
31-Mar-2023 3:28 PM
बांग्लादेश में गेंहू निर्यात करने के नाम पर 55 लाख की धोखाधड़ी, भोपाल से बंदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 31 मार्च।
देश से बाहर गेंहू निर्यात करने के नाम पर स्थानीय व्यापारी देवरतन तापडिय़ा से 55 लाख की गफलत करने वाले आरोपी जितेन्द्र सिंह सोलंकी को पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बेमेतरा से बांग्लादेश में गेंहू निर्यात करने के नाम पर मेसर्स एलीफैंट वर्क प्राइवेट लिमिटेड एमआई 30 अरिवंद विहार भोपाल मध्यप्रदेश व मेसर्स स्क्वारो एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बीच बांग्लादेश में गेंहू निर्यात करने संबंधी कार्य के लिए अनुबंध बीते साल मार्च में किया गया था।

जिसमें मेसर्स एलीफैंट वर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा मेसर्स स्क्वारो एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को गेंहू निर्यात संबंधी कार्य प्रारंभ करने से पहले 55 लाख देने पर गेंहू निर्यात करने संबंधी लेटर आफ क्रेडिट जारी करा कर देने के लिए प्रार्थी के फर्म गोविंदा ट्रेडर्स द्वारा डील के लिए किस्त-किस्त कर एलीफैंट वर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भोपाल के एकाउंट में 55लाख जमा कराया गया था, जिसके बाद एलीफेंट वर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा डुप्लीकेट एल.सी. लेटर दिया था।

पूरी प्रकिया पूर्ण नहीं होने के कारण स्थानीय कारेाबारी को उक्त अनुबंध का लाभ नहीं होने पर जितेन्द्र से रकम वापसी का मांग किया जिस पर जितेन्द्र द्वारा अलग-अलग तरीके से रकम देने को लेकर बहाना करता रहा। अनुबंध होने के लंबे समय बाद राशि नहीं मिलने पर प्रार्थी चंदरतन तापडिय़ा द्वारा कंपनी के डायरेक्टर जितेन्द्र सिंह सोलंकी के खिलाफ किये गये लिखित शिकायत के बाद डायरेक्टर सोलंकी के विरूद्ध धारा 406,415,420 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जिसके बाद जांच के लिए भोपाल पहुंची टीम द्वारा पूछताछ के लिए लाया गया था जिसके बाद गिरफ्तार किया गया। न्याययिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।

रकम वापसी पर बहाना बना रहा था - तापडिय़ा
रिपोर्टकर्ता देवरतन तापडिय़ा के अनुसार अनुबंध के बाद एलसी नहीं मिलने पर फर्म के डायरेक्टर से रकम वापसी के लिए कहा गया था पर बहाना बनाकर रकम देने से बच रहा था। करीब एक साल तक प्रयास किया गया था जिसके बाद भी रकम नही मिलने पर प्रकरण दर्ज कराया था।

भोपाल गई थी टीम
प्रकरण को लेकर जांच करे रहे टीम के सदस्य संतोष धुर्वे ने बताया कि आरोपी की पता साजी के लिए टीम भोपाल गयी थी जहां पर चार-पांच दिन रूकने के बाद आरोपी मिला था।
 


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