बेमेतरा

छत्तीसगढ़ी ग्रामीण युवाओं को काम नहीं तो तालाबंदी करेंगे-डॉ.सौरभ
16-Oct-2022 4:05 PM
छत्तीसगढ़ी ग्रामीण युवाओं को काम नहीं तो तालाबंदी करेंगे-डॉ.सौरभ

  मुलमुला अंडा फार्म की शिकायत, दीगर राज्यों की लड़कियों से काम कराने का आरोप  
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 16 अक्टूबर।
जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सैकड़ों एकड़ में फैला अंडा फार्म,जहां से प्रतिदिन लाखों अंडे राज्य के बाहर भेज बेचे जाते हैं,साल भर में करोड़ो के टर्न ओवर कमाने वाली इस मुर्गी फार्म में आस पास के न तो पढ़े लिखे युवाओं को कोई नौकरी है न तो आस पास सटे हुए गाँवों को मुर्गी के लीद की बदबू से राहत। स्थानीय पढ़े लिखे युवाओं को नौकरी और बदबू से राहत दिलाने की मांग लेकर क्षेत्रीय युवाओं के दल ने असंगठित कामगार कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ.सौरभ निर्वाणी से मुलाकात कर अंडा फार्म में हो रहे छत्तीसगढ़ी युवाओं के साथ भेदभाव से अवगत कराते हुए कहा कि कम्प्यूटर में एंट्री भी करने वाली लड़कियाँ तमिलनाडु और ओडिशा की हैं।

डॉ.निर्वाणी ने बेमेतरा थाना प्रभारी से फ़ोन पर मुलमुला अंडा फार्म में काम कर रहे दीगर राज्यों से आये हुए लोगों की मुसाफिरी दर्ज होने की जानकारी मांगने पर थानेदार ने यह कह पल्ला झाड़ लिया कि अब मुलमुला चंदनु चौकी में आता है। सभी फाइलें वहीं मिलेंगी,चंदनु चौकी में पदस्थ मुंशी से जानकारी मांगने पर अनिभिज्ञता जाहिर करते हुए एक महीने पहले ही ड्यूटी जॉइन करने की मजबूरी बताई।

मुलमुला के सरपंच तामेश्वर साहू से जब परिस्थिति जन्य जानकारी के लिए डॉ. निर्वाणी ने बात की तो सरपंच ने बताया कि आसपास के लगभग 12 गाँव मुर्गी के लीद से होने वाले बदबू से परेशान रहते हैं। थोड़ी भी बारिश होने पर बदबू इस कदर बढ़ जाती है कि स्कूल में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को खिड़कियों को बंद करना पड़ता है, अंडे और मुर्गी के परिवहन के लिए आने वाले ट्रक चालकों से भी राहगीरों के साथ होते दुर्घटनाओं के कारण मार पीट की घटनाएं बढ़ रही है, इस बाबत मुर्गी फार्म के प्रबंधन से बात करने पर कोई हल नहीं निकलता।

निर्वाणी ने कहा कि मुलमुला के अंडा मुर्गी फार्म के मालिक दक्षिण भारतीय हैं, अगर 90 फीसदी तकनीकी और स्किल्ड स्थानीय युवाओं को प्रबंधन रोजगार नहीं देगी तो असंगठित कामगार कर्मचारी कांग्रेस के नेतृत्व में आसपास के ग्रामीण युवाओं के साथ अंडा फार्म का घेराव किया जाएगा। जब तक स्थानीय छतीसगढ़ी युवक युवतियों को रोजग़ार, मुर्गी लीद के समुचित निष्पादन की कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक कोई भी परिवहन की गाडिय़ों को मुलमुला चंदनु और मुलमुला नरी के रास्ते से जाने नहीं दिया जाएगा।

अंडा फार्म के प्रबंधक हरिहरण से बात करने पर विशाखापटनम में होने की बात कह सभी आरोपों को नकार दिया।

डॉ. निर्वाणी ने आये हुए युवाओं से कहा यह भूपेश बघेल की ठेठ छत्तीसगढ़ी सरकार है,यहाँ काम करना है तो छत्तीसगढिय़ों के हित और हक़ को मारने की कोशिश करने वाले जान जाएं ऐसा हो नहीं सकेगा, 15 साल पुरानी नहीं यह भूपेश बघेल ,रविन्द्र चौबे और गुरुदयाल बंजारे की सरकार है,अब छत्तीसगढ़ के युवा अपने हक़ और अधिकार के लिए बखूबी लडऩा जानते हैं। अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ी महासभा ने भी घेराव और आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात कही है।

 


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