बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 14 अक्टूबर। मुख्य सडक़ों पर मवेशियों के जमवाड़ा आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। आए दिन लोग हादसों का शिकार हो रहे है। मवेशियों से टकराने की वहज से कई लोगों की जान चली गई है।
किसान नेता योगेश तिवारी के अनुसार कलेक्टर का फरमान सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है। इसे लेकर लोगों में खासी नाराजगी है। सरकार की ओर से पशुपालकों को आर्थिक मदद देने के साथ ऐसी व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। जहां मवेशियों के दूध नहीं देने की स्थिति में उनके पालन पोषण के लिए पशुपालकों को पैसों की कमी न होने पाए। ताकि पालक मवेशियों को खुले में छोडऩे को मजबूर नहीं होंगे।
किसान नेता ने कहा कि इन सब के मद्देनजर बेमेतरा कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने सडक़ों से मवेशियों के जमावड़ा को हटाने को लेकर जिम्मेदारी तय की थी। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों के लिए सीएमओ को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कोताही बरते जाने की स्थिति में संबंधितो पर कार्रवाई की बात कही गई थी, लेकिन कलेक्टर के फरमान के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।