बेमेतरा
आशीष मिश्रा
बेमेतरा, 7 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। बेमेतरा जिले के नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम कटई आने वाले साइबेरियन परिंदों ने जो नए मेहमान दिए है वे अब उडऩे के अभ्यास कर रहे हैं। दिसम्बर में जब खुद से चुगने व उडऩे में दक्ष हो जाएंगे तो वतन की वापसी करेंगे।
ग्राम कटई में सडक़ किनारे तालाब की तट पर पीपल में बसेरा किए परिंदों को देखकर यही लगता है कि पीपल संदेश दे रहा है कि अतिथि सेवा में ही सुख है, गाँव मे इन परिंदों का आगमन को मानसून का संकेत माना जाता है। इनके रहने व रुकने से कितना बारिश होगा इसका अंदाजा लगाया जाता है, इस बार अन्य वर्षों के तुलना में जब अधिक संख्या में आए, तब ही अधिक बारिश की भविष्यवाणी की गई थी, जो सच साबित हुई।
मंगलवार को शाम लगभग चार बजे जब कटई में इन परिंदों की तस्वीर ली गई, तब पीपल में केवल नवजात ही थे, जिनका जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है, नर मादा परिंदे चारा की तलाश में थे।
ग्रामीणों ने बताया कि तीस से चालीस किलोमीटर तक सफर तय कर सूर्यास्त के पहले चारा लेकर आते हंै।
पक्षी प्रेमी तारन मल्होत्रा ने कहा कि छह माह पूरे कटई में रहने वाले इन परिंदों की प्रजाति भले ही विदेशी हैं, पर इनका यहां इतने दिन तक रहना यही बताता है कि इनको छत्तीसगढ़ अधिक भाता है, प्रजनन के लिए यंहा आते यह इस मिट्टी पर भरोसा का प्रमाण है।


