बेमेतरा

कृषि विभाग को नही मिली रिपोर्ट , बिना अनुमति बड़ा कारोबार
आशीष मिश्रा
बेमेतरा, 25 अगस्त (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। नवागढ़ विधानसभा के दर्जनों समितियों को लाखों रुपए का घाटा सम्भावित है, इसके लिए वे लोग मौन साधे बैठे हैं, जो 2600 बोरी अमानक धान बेचने के मामले में अपराध दर्ज कराकर कूरा समिति को टारगेट बनाए, अब खुद टारगेट में हैं।
नवागढ़ विधानसभा में इस खरीफ सीजन में अवैध रूप से समितियों में झाइम खाद खपाने कई जगह थोक में बाल्टी उतारे गए, इसकी शिकायत पर तत्कालीन कलेक्टर ने दाढ़ी के निकट एक समिति में छापा मारा, और जांच के लिए टीम गठित की, सरकारी कम्पोस्ट बेचने की प्रचार के साथ, झाइम की बिक्री रोकने दो मंशा थी, सरकार भी खुश और हम भी खुश, इस खुशी के लिए उन झाइमो की भी बिक्री रोक दी गई जो पूर्व के वर्षों में आई थी।
करोड़ो में जाएगा घाटा
किसान नेता झाड़ूराम कोशले ने कहा कि पूर्व में जिस झाइम का भुगतान समिति कर चुकी है उसके बिक्री पर मौखिक आदेश देकर रोक लगा दी गई अब उस आदेश के पॉलन में झाइम का कबाड़ होना तय है, इससे समितियों को जो घाटा होगा, उसकी भरपाई कौन करेगा।
झाड़ूराम ने कहा कि इस नुकसान के लिए जिम्मेदार जो है उससे या तो वसूली हो या उनके खिलाफ कार्यवाही हो कूरा समिति में बिना तथ्यात्मक जांच किए। अपराध दर्ज कराने के पीछे क्या उद्देश्य था, जिला खाद्य अधिकारी व मिलर्स को मिले क्लीनचिट को लोग समझ गए, अब किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ अपराध दर्ज होना चाहिए।
समिति प्रबंधक ने बताया कि हमारे समिति ने इस वर्ष झाइम की कोई खरीदी नही की, लेकिन गत वर्ष के बचे स्टॉक है उसके बिक्री पर रोक लगा दी गई है, अब न हम बेच पा रहे है न बांट पा रहे है बाद में कोई राम लखन की जोड़ी हम पर कूरा कांड न कर दे, इस डर से बचने शीघ्र ही उच्च कार्यालय पत्र लिखेंगे जो बचाव के समय काम आएगा।
आदेश का पॉलन नही
समितियों को दोहन करने तो कई योजना है पर उसे बचाने के लिए कोई आगे नही आता, कूरा समिति में फरवरी में 2600 अमानक धान बेचने का मामला सामने आया, शिकायत पर तीन स्तरीय जांच हुई जिसमें राज्य सरकार से हुई शिकायत पर अपर कलेक्टर बाजपेयी ने जांच की जिसमे पूरा मामला दूध का दूध पानी का पानी हुआ, बाजपेयी ने जो जब्त धान मिल में पड़ा है उसे नियमानुसार बिक्री कर राशि सम्बंधित खाते में जमा करने का आदेश दिया है, उसपर अब तक इसलिए कोई रुचि नही ले रहा है क्योंकि अब ऊपर का हिसाब नही होगा, लेकिन जब धान मिट्टी में तब्दील होगा तो लोग सवाल करेंगे जरूर।
कमीशन का खेल
भाजपा नेता देवादास चतुर्वेदी ने कहा कि जो समितियों में हुआ जो हो रहा है वह कमीशन का लफड़ा है, जब सरकार से अनुमति नही जब कृषि विभाग से अनुमति नही फिर कारोबार किसके अनुमति से यह सब सब शासन व प्रशासन की युगलबंदी से हो रहा है, जब कारोबार जिले में हुआ तो पूरे जिले की जांच हो किसानों के साथ छल किया गया, नवागढ़ ब्लाक में तो गोबर व मिट्टी एक साथ मिलकर बेचने वाले को बेहतर कार्य बता रहे है इससे किसान का हित या किसका हित जनता समझ रही है।
नही मिली रिपोर्ट
उपसंचालक कृषि-बेमेतरा. एम.डी.मानकर ने बताया किजिन समितियों में झाइम जब्त कर सील किए गए उसकी गुणवत्ता सहित सभी जानकारी देने निरीक्षक को कहा गया है जो आजतक अप्राप्त है, झाइम बिक्री की कोई अनुमति नही है।