बेमेतरा

कार्रवाई के लिए किसान नेता योगेश ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेजा शिकायती पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 30 अप्रैल। जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से दो माह में करीब 2 करोड रुपए से दवाई समेत अन्य सामग्री खरीदी व महिलाओं की निजता भंग के मामले में जांच और कार्रवाई के लिए किसान नेता योगेश तिवारी ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को शिकायती पत्र लिखा है। जिसकी प्रति बेमेतरा कलेक्टर को सौंपी जाएगी। यहां किसान नेता ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते जिम्मेदार पर कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि महिलाओं की निजता भंग के मामले में बेमेतरा कलेक्टर की ओर से सिविल सर्जन डॉ वंदना भेले के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए शासन को लिखे पत्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में अस्पताल प्रबंधन की ओर से वेतन भुगतान, दवाई समेत अन्य सामग्री खरीदी के लिए ट्रेजरी में 7 करोड़ 68 लाख 45 हजार 545 रुपए के बिल प्रस्तुत किए गए।
सीएस ने जांच की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
वित्तीय वर्ष फरवरी और मार्च माह में करीब 2 करोड़ रुपए के बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत किया गया। दो माह में 2 करोड़ की दवाई समेत अन्य सामग्री खरीदी से सम्बंधित दस्तावेज नहीं मिलने पर कलेक्टर ने जिला स्तरीय जांच टीम का गठन किया था। दस्तावेजो के साथ सिविल सर्जन को जांच टीम के समक्ष प्रस्तुत होना था, लेकिन उन्होंने जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे।
निजता भंग के मामले में जिम्मेदार पर अब तक कार्रवाई नहीं
किसान नेता योगेश तिवारी की ओर से राज्यपाल को लिखे शिकायती पत्र के अनुसार बेमेतरा जिला अस्पताल में इलाज के दौरान महिलाओं की निजता भंग होने का मामला सामने आया। इस संबंध में एक सरकारी महिला कर्मचारी ने कलेक्टर भोसकर विलास संदीपान से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। जिसमें शिकायतकर्ता महिला ने कलेक्टर को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि जिला अस्पताल में इलाज के दौरान निजता भंग होने का वीडियो उनकी (शिकायतकर्ता महिला) के मोबाइल में भेजा गया। शिकायत पर कलेक्टर ने 7 सदस्यी जांच दल का गठन किया। जांच में महिला की शिकायत सहीं मिली।
साइबर सेल ने हटाए 30 कैमरे
किसान नेता ने बताया कि साइबर सेल की ओर से जिला अस्पताल और परिसर में स्थित मदर चाइल्ड हॉस्पिटल के संवेदनशील वालों से 30 कैमरे हटाए। जांच दल और पुलिस की ओर से जब्त किए गए। डीव्हीआर में अनेकों महिला की निजता भंग होने के फुटेज मिले। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने सिविल सर्जन डॉ वंदना भेले, फार्मासिस्ट मनीषा पाठक, जेडीएस कर्मी सुनील जानसन एवं सिक्योरिटी गार्ड ऋषि जांगड़े पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
छोटे कर्मियों पर कार्रवाई कर की गई खानापूर्ति
महिला निजता भंग की जांच में असहयोग के लिए फार्मासिस्ट, जेडीएस कर्मी और सिक्योरिटी गार्ड पर कार्रवाई की गई, लेकिन मामले के लिए जिम्मेदार (संस्था प्रमुख) सिविल सर्जन डॉ वंदना भेले पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 माह फरवरी और मार्च में 2 करोड़ रुपए दवाई खरीदी में भारी अनियमितता के आरोप लगे हैं। कलेक्टर के आदेश के बावजूद सिविल सर्जन ने खरीदी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए हैं। उक्त बातें किसान नेता योगेश तिवारी ने शिकायती पत्र में लिखी है।
कलेक्टर विलास संदीपान भोस्कर का कहना है कि महिला निजता भंग के मामले में सीएस पर अनुशासत्मक कार्रवाई के लिए राज्य शासन को जांच प्रतिवेदन के साथ अनुशंसा पत्र भेजा गया है, इसमें शासन स्तर से कार्रवाई होनी है।