बेमेतरा

बार-बार मिल रही थी नियमों के विपरीत प्राइवेट प्रेक्टिस की शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 15 अप्रैल। जिला मुख्यालय में सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्राइवेट हॉस्पिटल का संचालन की शिकायत कलेक्टर भोस्कर विलास सनदीपान से कर कार्रवाई की मांग की गई है। इस सम्बंध में शिकायतकर्ता सुफल मानिकपुरी ने कलेक्टर को बताया कि जिला मुख्यालय में ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों का संचालन सरकारी स्वास्थ्य कर्मी कर रहे हैं । वहीं शिकायत की प्रति मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी को भी सौंपा गया।
कलेक्टर के निर्देश पर सभी सरकारी स्वास्थ केंद्रों में पदस्थ डॉक्टर, आरएमए और प्राइवेट अस्पतालों को नोटिस भेजा गया है।
प्राइवेट अस्पतालों को जारी नोटिस के अनुसार औचक निरीक्षण के दौरान अनुबंधित डॉक्टर, जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है, के अलावा दूसरे डॉक्टरों को प्रैक्टिस करता पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं अस्पताल के साइन बोर्ड दर्ज सुविधा अस्पताल में नहीं मिलने पर कार्रवाई होगी, क्योंकि प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर सोनोग्राफी, सिटी स्कैन, विशेषज्ञों की उपलब्धता समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जाता है, जो बकायदा अस्पताल के साइन बोर्ड में दर्शाया जाता है । जबकि धरातल पर परिस्थितिया इसके विपरीत है। ये काफी गम्भीर मामला है, क्योकि पूरे जिले भर से मरीज बेहतर इलाज के लिए जिला मुख्यालय पहुंचते है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में सुविधाओं के नाम पर सिर्फ कागजी दावे है, जो मरीजो के साथ धोखा है ।
ड्यूटी के दौरान निजी प्रैक्टिस पर होगी कार्रवाई
सरकारी डॉक्टर, आरएमए को जारी नोटिस के अनुसार ड्यूटी के दौरान प्राइवेट अस्पताल में प्रैक्टिस करता पाए जाने पर अनुशासत्मक कार्रवाई की जाएगी। नियमो के तहत सरकारी स्वास्थ्य कर्मी प्राइवेट अस्पताल का संचालन नही कर सकते। प्राइवेट प्रेक्टिस के लिए भी एनपीए फॉर्म भरने के साथ जिला कार्यालय को सूचित करना होता है, वही प्रेक्टिस भी क्लास वन व क्लास टू अधिकारी नियमो के तहत कर सकते हैं, जिसमे मरीजो के इलाज से सम्बंधित सारी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को देनी होती है।
सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों ने, एके हॉस्पिटल के संचालन का किया दावा
शिकायतकर्ता के अनुसार छिरहा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ आरएमए डोमन यादव समेत तीन स्वास्थ कर्मी द्वारा रायपुर मार्ग स्थित एके हॉस्पिटल के संचालन का दावा किया जा रहा है। इसकी शिकायत कलेक्टर और सीएमएचओ से कर कार्रवाई की मांग की गई है । इन स्वास्थ्य कर्मियों के पदनाम डॉक्टर लिखा जाता हैं, जो नियमों के विपरीत है। आरएमए (ग्रामीण चिकित्सा सहायक) पदनाम में डॉक्टर नहीं लिख सकते।