बस्तर

बाढ़ आपदा से राहत पहुंचाने के लिए मैदानी अमला रहे मुस्तैद
04-Jun-2021 7:24 PM
 बाढ़ आपदा से राहत पहुंचाने के लिए मैदानी अमला रहे मुस्तैद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 4 जून। कलेक्टर रजत बंसल ने मानमून के दौरान आनेे वाले बाढ़ से होने वाली जन-धन की क्षति को नियंत्रित करने और त्वरित गति से राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
बुधवार को वर्चुअल बैठक में बाढ़ नियंत्रण तथा बचाव और राहत कार्य के लिए कार्ययोजना तैयार की गयी। जिले के जगदलपुर तहसील में इन्द्रावती नदी तथा बस्तर तहसील में मारकण्डी और नारंगी में अतिवर्षा की स्थिति उत्पन्न होने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। इसे देखते हुए बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्रामों का चिन्हांकन कर लिया गया है। इन्द्रावती नदी का चेतावनी स्तर 7 मीटर और 8.30 मीटर होने पर खतरे की स्थिति उत्पन्न होती है तथा इन्द्रावती नदी में बाढ़ आने पर बकावंड विकासखंड के ग्राम तारापुर, बनियागांव, बेलगांव, उलनार, कोहकापाल, मालगांव और टलनार प्रभावित होते हैं। 

विकासखंड जगदलपुर में ग्राम धनपूंजी, नगरनार, भेजापदर, नदीबोडऩा, नगरनार का मोहल्ला उपनपाल और जगदलपुर शहर प्रभावित होते हैं। विकासखंड लोहंडीगुड़ा में टाकरागुड़ा, बड़ांजी, कुम्हली, बड़े धाराउर, चित्रकोट, चन्देला और ककनार ग्राम प्रभावित होते हैं। नारंगी नदी में बाढ़ आने पर विकासखंड बस्तर के ग्राम पालाबहार, बड़े आमाबाल, कोहका सिवनी, मुण्डागांव, भैंसगांव, मधोता, बाकेल और राजपुर प्रभावित होते हैं। मारकण्डी नदी में बाढ़ से किसी भी ग्राम की आबादी प्रभावित नहीं होती, किन्तु इससे आवागमन कुछ समय के लिए अवरूद्ध हो जाता है। इसे देखते हुए बाढ़ नियंत्रण और बचाव, राहत की कार्ययोजना बनायी गयी है।

नियंत्रण कक्ष स्थापित
बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर स्थित कलेक्टोरेट में जिलास्तर पर बाढ़ आपदा प्रबंधन येाजना के क्रियान्वयन और नियंत्रण हेतु नए कम्पोजिट भवन के कक्ष क्रमांक-8 में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिसका दूरभाष क्रमांक 07782-223122 है। इसके साथ ही पुलिस सहायता केन्द्र 112 एवं नगर सेना के नियंत्रण कक्ष में स्थापित दूरभाष क्रमांक 07782-266170, राजस्व शाखा के प्रभारी अधिकारी, जिला सेनानी, संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार को भी बाढ़ संबंधी सूचना प्रदान की जा सकती है। प्रत्येक तहसील और ब्लाक मुख्यालय में भी इसी प्रकार नियंत्रण कक्ष की स्थापना करते हुए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने तथा इसकी जानकारी बाढ़ नियंत्रण शाखा को तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
 जिला कार्यालय के साथ ही तहसील कार्यालयों में स्थापित सभी बाढ़ नियंत्रण कक्षों में सप्ताह के पूरे सात दिन चैबीसों घंटे के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये। ये नियंत्रण कक्ष 30 सितम्बर 2021 तक या वर्षा समाप्ति तक 24 घंटे खुले रहेंगे, जो स्थानीय स्तर से शासन स्तर तक समस्त सूचनाओं के आदान-प्रदान में अपनी भूमिका निभायेंगे।

 जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण समिति गठित
बस्तर जिले में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण समिति का गठन किया गया है। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित इस समिति में 21 सदस्य हैं। जिनमें पुलिस अधीक्षक बस्तर, सीईओ जिला पंचायत, वन मण्डलाधिकारी, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता, पंचायत, समाज कल्याण के उप संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, खाद्य नियंत्रक, जिला शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी, जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त, लोक निर्माण विभाग जगदलपुर के कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यंात्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता, छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन अभियंता, नगर दण्डाधिकारी, नगर सेना के जिला सेनानी, जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त संचालक जनसंपर्क, रोटरी क्लब के अध्यक्ष, लायन्स क्लब जगदलपुर, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष इसके सदस्य हैं। वहीं राजस्व शाखा कलेक्टोरेट के प्रभारी अधिकारी बाढ़ नियंत्रण समिति के सचिव हैं। जिला अध्यक्ष द्वारा जनप्रतिनिधियेां के साथ बैठक कर बाढ़ आपदा राहत से निपटने की जानकारी देने के साथ उनसे सुझाव प्राप्त किया जाएगा। इसी तरह अनुविभाग स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, आपदा प्रबंधन समिति का गठन करेंगे।

16 स्थानों पर बनेंगे अस्थायी शिविर*
बाढ़ प्रभावित ग्रामों में प्रभावित व्यक्तियों के लिए 16 स्थानों पर अस्थायी शिविर स्थापित किए जाएंगे। जिसमेंं बाढ़ प्रभावितों को अस्थायी रूप से रखा जाएगा। स्थापित होने वाले प्रत्येक अस्थायी शिविर के लिए एक प्रभारी अधिकारी अभी से नामजद कर दिया गया है। 

तैनात रहेगा बचाव दल
बाढ़ और अतिवर्षा से उत्पन्न स्थितियों को ध्यान में रखकर बाढ़ बचाव राहत दल की तैनाती सुनिश्चित की गयी है। कमाण्डेंट नगरसेना इसके प्रभारी अधिकारी बनाये गये हैं। उन्हें निर्देशित किया गया है कि तत्काल बाढ़ बचाव की तमाम सामग्रियों को सुधार करवा लें। यह भी निर्देशित किया गया है कि वे बाढ़ बचाव सामग्रियों की सूची तथा प्रशिक्षित जवानों की संख्या नाम सहित बाढ़ नियंत्रण कार्यालय को राजस्व शाखा में प्रस्तुत करेंगे, ताकि विषम स्थिति उत्पन्न होने पर दल को तत्काल राहत कार्य हेतु लगाया जा सके। विभाग के पास उपलब्ध नाव और नगरनिगम की नाव को भी चालू हालत में रखने के निर्देश दिए गए हैं।

आपदा से बचाव के लिए आधुनिक सूचना तकनीकी का उपयोग करने के लिए करें प्रोत्साहित
कलेक्टर श्री बंसल ने कहा कि लोगों को आपदा से बचाने के लिए दामिनी, मेघदूत जैसे मोबाईल एप्प का उपयोग भी सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि इन मोबाईल एप्प के उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने से उन्हें आकाशीय बिजली और अतिवृष्टि जैसी सूचनाएं पूर्व ही मिल जाएंगी, जिससे वे स्वयं को सुरक्षित कर सकेंगे।


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