बस्तर

चार सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समितियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी
05-Nov-2025 10:05 PM
चार सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समितियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 5 नवंबर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सहकारी समितियों के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार उनकी चार सूत्रीय लंबित मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

पत्रकार वार्ता में बस्तर संभाग के संगठन मंत्री मनबहल महावीर ने कहा कि छग सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ एवं छग समर्थन मूल्य धान खरीदी ऑपरेटर संघ के संयुक्त नेतृत्व में यह आंदोलन पूरे प्रदेश में जारी है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के हित में वर्षों से काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज कर रही है।

कर्मचारियों की चार सूत्रीय मुख्य मांगें

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान खरीदी गई धान परिवहन की संपूर्ण मजदूरी का भुगतान किया जाए। धान खरीदी नीति 2024-25 के तहत प्रति क्विंटल 11.33 रुपये आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर के माध्यम से भुगतान किया जाए। समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान, भत्ते और अन्य सुविधाएं दी जाएं। सहकारी समितियों के सचिवों को स्थाई पद पर समायोजित कर नियमित नियुक्ति दी जाए।

संगठन मंत्री श्री महावीर ने आगे कहा कि सहकारी समितियों के कर्मचारी किसानों के हित में लगातार कार्य कर रहे हैं, लेकिन शासन उनकी समस्याओं को हल्के में ले रही है।

उन्होंने कहा कि हमारी चार सूत्रीय मांगें किसानों और कर्मचारियों दोनों के हित में हैं। सरकार अगर शीघ्र निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन और तीव्र होगा। धान खरीदी व्यवस्था में सहकारी समितियां सरकार की रीढ़ हैं। अगर कर्मचारी मैदान से हटे, तो पूरी व्यवस्था ठप पड़ जाएगी।

प्रदेशभर में सहकारी समितियों के दफ्तर बंद रहे और कर्मचारियों ने तीसरे दिन भी अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखी। किसानों को धान तौल और खरीदी से संबंधित कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ा।

संगठन ने साफ किया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं देती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

संगठनों ने सरकार से अपील की है कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द वार्ता कर समाधान निकाला जाए, ताकि आगामी धान खरीदी सीजन 2024-25 में बाधा न आए।


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