बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 29 अक्टूबर। बस्तर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर बस्तर ब्लॉक के ग्राम पंचायत घाटकवाली में सरपंच की एक अनूठी पहल देखने को मिली है। सरपंच तामेश्वरी कश्यप स्वयं उन बच्चों के घर-घर जाकर मुलाकात करती हैं जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते, और उन्हें कॉपी-पेन देकर पढ़ाई के लिए प्रेरित करती हैं।
सरपंच तामेश्वरी कश्यप का कहना है कि शिक्षा ही जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है, शिक्षा हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। ग्राम पंचायत घाटकवाली के अंतर्गत तीन प्राथमिक शालाएँ और एक माध्यमिक शाला आती हैं, जिनमें कुल 224 बच्चे अध्ययनरत हैं। सरपंच की पहली प्राथमिकता है कि सभी बच्चे नियमित रूप से स्कूल जाएँ और कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे।
इसी उद्देश्य से ग्राम सभा घाटकवाली में पेसा अधिनियम की धारा 4(ड)(1द्ब) के तहत ग्राम सभा स्तरीय शिक्षा समिति का गठन किया गया है। यह समिति शिक्षा से संबंधित मामलों जैसे स्कूल प्रबंधन, शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान देती है। पेसा अधिनियम की धारा 4(ड) के तहत ग्राम सभा को शिक्षा से संबंधित विशेष अधिकार प्राप्त हैं।
समिति द्वारा प्रत्येक सप्ताह स्कूलों का निरीक्षण किया जाता है और पढ़ाई से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा की जाती है। जो बच्चे नियमित रूप से स्कूल नहीं आते, उनकी सूची तैयार कर उनके अभिभावकों से संपर्क किया जाता है और स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाता है।
शिक्षा समिति द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार शिक्षकों को प्रतिदिन प्रार्थना के समय बच्चों के साथ ग्रुप फोटो अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, ग्राम सभा द्वारा हर वर्ष उच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नकद राशि और पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाता है।
माध्यमिक शाला घाटकवाली के प्रधान अध्यापक मनोज साव ने बताया कि जिस दिन से ग्राम सभा स्तरीय शिक्षा समिति का गठन हुआ है, बच्चों की उपस्थिति लगभग सौ प्रतिशत हो गई है। पहले जो बच्चे स्कूल नहीं आते थे, वे भी अब नियमित रूप से स्कूल जा रहे हैं।


