बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर , 25 सितंबर। छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती महोत्सव के अंतर्गत खेल एवं युवा कल्याण विभाग कार्यालय जगदलपुर में आयोजित बस्तर संभाग स्तरीय युवा काव्य पाठ प्रतियोगिता का समापन गरिमामय वातावरण में हुआ। पूरे दिन चली इस प्रतियोगिता में बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभावान युवा कवियों ने अपनी मौलिक और प्रेरणादायी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि कलेक्टर हरीश एस ने कहा कि कविता समाज की संवेदनाओं को अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं की रचनात्मकता को नया आयाम देते हैं और उन्हें सकारात्मक सोच के साथ समाज में परिवर्तन लाने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
अपर कलेक्टर एवं सहायक संचालक, खेल एवं युवा कल्याण विभाग ऋषि केश तिवारी ने विजेता कवियों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि बस्तर के युवा अपने सशक्त शब्दों से यह साबित कर रहे हैं कि यहां की प्रतिभा किसी से कम नहीं है। नोडल अधिकारी नंदनी साहू ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं को अपनी मौलिक रचनाओं के माध्यम से समाज को प्रेरित करने का अवसर प्रदान करना है और यह गर्व की बात है कि यहां के विजेता अब राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में बस्तर का नाम रोशन करेंगे।
इस संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में भोज राज साहू जिला बस्तर ने प्रथम स्थान, गरिमा शर्मा ने द्वितीय स्थान और श्रीवर ठाकुर बस्तर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को क्रमश 15,000, 10,000 और 5,000 रुपये नगद पुरस्कार, मोमेंटो और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। ये तीनों युवा अब 4 अक्टूबर 2025 को रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय युवा काव्य पाठ प्रतियोगिता में बस्तर संभाग का प्रतिनिधित्व करेंगे, जहां उन्हें राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध कवियों के साथ मंच साझा करने का अवसर मिलेगा।
समापन अवसर पर निर्णायक मंडल में पूर्णिमा सरोज, शशांक श्रीधर शिंदे और योगेंद्र मोतवाला शामिल रहे। मंच संचालन सुचित्रा सिंह ने प्रभावी ढंग से किया। कार्यक्रम में रेणु बाला, सुनील पिल्ले, कोटेश्वर नायडू, प्रदीप साहू सहित बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, गणमान्य नागरिक और युवा उपस्थित थे। पूरे आयोजन का सफल संचालन खेल एवं युवा कल्याण विभाग की टीम द्वारा किया गया।
यह प्रतियोगिता न केवल बस्तर के युवा कवियों के लिए अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का मंच बनी, बल्कि समाज में साहित्य और संस्कृति के प्रति उत्साह बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम भी साबित हुई।


