बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 29 अक्टूबर। लोक आस्था के महापर्व छठ पर इस बार कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र को भावविभोर कर दिया। ग्राम सिन्दूर की मात्र 6 वर्षीय अनन्या नेताम (पंछी) ने इस कठिन व्रत को निष्ठा और संकल्प के साथ पूरा किया। अनन्या के पिता अजय नेताम, जो कि एक कृषक हैं, और माता राजकुमारी नेताम अपनी बेटी की इस आस्था को देखकर गर्व से अभिभूत हैं।
परिवार के अनुसार, जब गांव में छठ की तैयारियां शुरू हुईं तो अनन्या ने स्वयं व्रत करने की जिद की। पहले तो परिवार और गांववाले आश्चर्यचकित रह गए, लेकिन जब उन्होंने बच्ची का दृढ़ संकल्प देखा तो सभी ने उसका उत्साहवर्धन किया।
महज छह वर्ष की उम्र में अनन्या ने छठ व्रत के सभी नियमों का पालन करते हुए पूरे विधि-विधान से सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की। स्थानीय सेंदुर नदी में अघ्र्य अर्पित करते समय जब इस नन्हीं बच्ची ने अपने छोटे हाथों से सूर्य को प्रणाम किया, तो वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो उठीं।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी आस्था और अनुशासन का उदाहरण दुर्लभ है। अनन्या ने यह साबित किया है कि भक्ति उम्र की मोहताज नहीं होती।
डूबते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद अनन्या ने उगते सूर्य को अघ्र्य देने के लिए पूरी रात नदी तट पर रहकर व्रत की परंपराओं का पालन किया। उसकी यह अटूट आस्था पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है।
अनन्या नेताम (पंछी) पूरे इलाके में श्रद्धा, संकल्प और भक्ति का प्रतीक बन चुकी है। लोग उसकी मासूम भक्ति को नमन करते हुए कह रहे हैं कि यह नन्ही बच्ची आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणा बनेगी।


